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मो.म. जानना । बहुरि जिसविर्षे पहले पिछले समयनिके परिणाम समान न होय, अपूर्व ही होय, |
बहुरि जैसे यहां अधःकरणवत् पहले समय होय तैसें कोई ही जीवकै द्वितीयादि समयनिविषै । न होंय बधते ही होय । तिस करणके परिणाम जैसें जिन जीवनिकै करणका पहला समय । ही होय, तिन अनेक जीवनिकै परस्पर परिणाम समान भी होंय, अर अधिक हीन विशुद्धता || लिए भी होय । परन्तु यहां इतना विशेष भया, जो इसकी उत्कृष्टताते भी द्वितीयादि समयवालेका जघन्य परिणाम भी अनंतगुणी विशुद्धता लिए ही होय । ऐसे ही जिनकौं करण ||
मांडे द्वितीयादि समय भया होय, तिनकै तिस समयबालोंके तो परस्पर परिणाम समान वा । असमान होय । परंतु ऊपरले समयवालोंकै तिस समय समान सर्वथा न होंय अपूर्व ही होय, |
ऐसें अपूर्वकरण जानना । बहुरि जिसविषै समान समयवर्ती जीवनिकै परिणाम समान ही | होय, निवृत्ति कहिए परस्पर भेद ताकरि रहित होय । जैसे तिस करणका पहलै समयविषे | सर्वजीवनिका परस्परसमानही होय,ऐसे ही द्वितीयादि समयनिविष समानता परस्पर जाननी।बहुरि प्रथमादि समयवालोंते द्वितीयादिसमयवालोंकै अनंतगुणी विशुद्धतालिएं होंय,ऐसें अनिवृत्तिकरण | जानना । ऐसें ए तीन करण जानने । तहां पहले अंतर्मुहर्त कालपर्यंत अधःकरण होय, तहां च्यारि आवश्यक हो हैं । समय समय अनंतगुणी विशुद्धता होय, बहुरि एक अंतर्मुहूर्त्तकरि नवीनबंधकी स्थिति घटती होय सो स्थिति बंधापसरण होय, बहुरि समय समय प्रशस्त
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