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वृद्धहारीत स्मृति पूजा का माहात्म्य और भिन्न-भिन्न प्रकार से जो भगवान् विष्णु
की पूजा उत्सव यज्ञ दान बताये हैं, इन सबका तात्पर्य यह है कि भक्त पर विष्णु भगवान् की कृपा हो जाय जिस पर वैष्णव संस्कारों से विष्णु भगवान् की कृपा या आशीर्वाद हो जाता है उनका जीवन-चरित्र ऐसा होता है-दान करना, दम इन्द्रिों का दमन, तप तपस्या, शौच पतिव्रता, आर्जव सरलता, शान्ति क्षमा, आनृशंसं सत्य वचन सज्जनों का संग
परमेकान्त में रहना से वैष्णव के चिह्न हैं बृहत् हारीत स्मृति में स्मृति-प्रतिपाद्य आचार;व्यवहार प्रायश्चित्त
के समुचित निर्णय के अतिरिक्त वैष्णवाचार, वैष्णवोपासना विष्णु इष्टी, विष्णु पूजन सांग सावरण; वैष्णव पूजा उत्सव; रथयात्रा एकादश्यादि व्रतोद्यापन; मण्डप-रचना आदि का सुचारु विधान निरूपण किया है ।
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