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भारद्वाजस्मृति काम और कामादिकृत पापों के प्रायश्चित्त के लिए विशेष वर्णन
१६-१६ बालक वृद्ध और स्त्रियों के लिए प्रायश्चित्त
२०-२१ ११. गोवधप्रायश्चित्तकथनम् : ३०८१ गोवध करने वाले का प्रायश्चित्त वर्णन
१-११ १२. कृच्छादिस्वरूपकथनम् : ३०८३ प्रायश्चित्तविधि
१-४ कृच्छ्रादि का स्वरूप कथन
५-८ ब्राह्मण महिमा
समस्तसम्पत्समवाप्तिहेतवः समुत्थितापत्कुलषमकेतवः । अपारसंसारसमुद्रसेतवः पनन्तु मां ब्राह्मणपादपासवः ।।
८-२०
भारद्वाजस्मृति १. सन्ध्यादिप्रमुखकर्मविषय : ३०८५ नित्यनैमित्तिक क्रियायों को लेकर प्रश्न नित्यनुष्ठानों के न करने वालों की सभी क्रियायें निष्फल होती
हैं। दिशाओं के निर्णय से लेकर प्रायश्चित्त तक २५ अध्यायों का संक्षेप से निरूपण
२. दिग्भेदज्ञानवर्णनम् : ३०८७ पूर्व, पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण दिशाओं के ज्ञान की सरलविधि अन्य दिशाओं का परिज्ञान प्रकार
३. विण्मत्रोत्सर्जनविधिवर्णनम : ३०६४ । मलमूत्र विसर्जन की विधि
४. आचमनविधिवर्णनम् : ३०६७ आचमन के पूर्व जङ्घा से जानु तक या दोनों चरणों को और हाथों
को अच्छी प्रकार धोकर आचमन का विधान
१-४
५-७७
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