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गौतम स्मृति
प्रायश्चित्तविधि : १८७०
कृच्छ्रशान्तपनादिव्रतविधि १८७१
स्वल्पापराध के प्रायश्चित्त
कृच्छ्र, सांतपनादि व्रत की विधि बताई है
मृगारेष्टि, पवित्रष्टिश्चवर्णन : १८७५
मृगारेष्टि पवित्ररेष्टि का विधान । अपातक कर्म छोटे व्यवहार वर्जित कर्मों का शोधनार्थ
वेदपवित्राणामभिधान : १८७६
पाप कर्म से निवृत होकर पुण्य कर्म में प्रवृत्त होने पर वैदिक मन्त्रों के पाठ से प्रोक्षण
गणहोम फलमेतदध्यापनादौफल निरूपण : १८७७ गण होम, अग्नि वायु आदि देवताओं का पूजन तथा स्मृति के पाठ और ज्ञान का माहात्म्य | स्मृति शास्त्र के परिशीलन तत् प्रदर्शित संस्कार सम्पन्नता से ब्रह्मलोक की प्राप्ति होती है
गौतम स्मृति
१. आचारवर्णनम् : १८७६
उपनयन संस्कार का समय तथा उसका विधान और आचारवर्णन २. ब्रह्मचारिधर्मवर्णनम् : १८८१
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ब्रह्मचारी के नित्य नैमित्तिक कर्मों का वर्णन और ब्रह्मचारी के नियम | ३. ब्रह्मचारिप्रकरणवर्णनम् १८८३
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नैष्ठिक ब्रह्मचारी के नियम, व्रत और दिनचर्या । ४. विवाहप्रकरणवर्णनम् : १८८४
विवाह प्रकरण में आठ प्रकार के विवाह और उनके लक्षण । उनमें ४ ब्राह्म, आर्ष, प्राजपत्य और देव ये धार्मिक विवाह हैं इन धार्मिक विवाहों से उत्पन्न सन्तान अपने पूर्वजों का उपकार करती है ।
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