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१-६१
औशनस स्मृति
६. अशौचप्रकरणवर्णनम् : १५८७ सूतक पातक अशीच कितने दिन का किसको होता है । सपिण्डता,
सगोत्रता, समानोदक कितनी पीढ़ी तक है तथा सद्यः शौच कब होता है एवं पातक सूतक का वर्णन है
७. गृहस्थानांप्रेतकर्मविधि : १५६१ प्रेत क्रिया प्रथम दिन से द्वादश दिवस तक का वर्णन किया है
८.प्रायश्चित्तप्रकरणवर्णनम् : १५६६ महापापों का प्रायश्चित्त अनेक प्रकार के पाप कामज क्रोधज अभक्ष्यादि पापों के पृथक्
पृथक् प्रायश्चित्त विधान
१-२३
१-२४
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बृहस्पति स्मृति
दानफलमहत्ववर्णनम् : १६१० इन्द्र ने शत यज्ञ समाप्त कर गुरु बृहस्पति से दान माहात्म्य एवं
उत्कृष्ट दान पूछा । उत्तर में गुरु बृहस्पति ने सुवर्ण दान
और भूमिदान का माहात्म्य बताया किन्तु भूमिदान सुपात्र विद्यावान् तपस्वी ब्राह्मण को ही देना बताया, अपात्र (मूर्ख अतपस्वी) को देने से पाप भी बताया है
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१-८१
लघुव्यास स्मृति
१. स्नान तथा सन्ध्याविधि : १६१८ प्रात:काल ब्राह्म मुहूर्त में स्नान करना चाहिए । स्नान के पूर्व जिन
वृक्षों के दातौन करने हैं उनका नाम तथा सूर्योपस्थान सन्ध्या प्रतिदिन करने का आदेश, बिना सन्ध्या किए जो कुछ पूजा दान करे वह निष्फल होता है
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