Book Title: Shraman Atit ke Zarokhe me
Author(s): Shivprasad, Vijay K Jain, Sudha Jain, Asim Mishra
Publisher: Parshwanath Vidyapith
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लेख
आचारांगसूत्र (क्रमश:)
आमिष भोजन मनुष्य का आहार नहीं है। इसे दया धर्म कहें या और कुछ ? सब जीवों को समान समझें लिखाई का सस्तापन श्रीकृष्ण की जीवन झाँकी
गाय का दूध आचारागसूत्र (क्रमशः )
जीवन संग्राम
निरामिष भोजन : एक समस्या अहिंसा की तीन धारायें घृणा, प्रेम और स्वास्थ्य आचारांगसूत्र (क्रमश:) योग और भोग
श्रमणसंस्कृति के मौलिक उपादान
विपाकसूत्र की कथाएं श्री विनयचन्द्र दुर्लभ जी
श्रमण : अतीत के झरोखे में
लेखक
पं० श्री दलसुख मालवणिया
स्व० आचार्य श्री जवाहर
श्री परमानन्द कुँवर जी कापड़िया
श्री मोरारजी देसाई
श्री अगरचन्द नाहटा श्री विजयमुनि शास्त्री श्री अत्रिदेव विद्यालंकार
पं० दलसुख मालवणिया
जैन
श्री भागचन्द डॉ० सम्पूर्णानन्द
पं० मुनि श्रीमल्लं जी म० सा०
श्रीमती प्रेमलता गुप्ता पं० दलसुख मालवणिया विजयमुनि शास्त्री
श्री वसन्तकुमार चट्टोपाध्याय
अनु० कस्तूरमल बांठिया श्री श्रीरंजन सूरिदेव
मुनि श्री आईदान जी
वर्ष
९
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अंक
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Mr M
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MY M
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X
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ई० सन्
१९५७
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पृष्ठ
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२६-२७
२८-३०
३१-३३
३-५
६-९
३१
१६-१८
२३-२५
२६-२७
२८-३३
३४-३७
३-६
७-८
९-२१
२९-३४
३५-३६