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( १४ ) विषयांक. विषय का नाम १७४ भोजनोपरांत करनेके स्वाध्यायकी आवश्यकता १७५ सन्ध्याको जिनपूजा प्रतिक्रमण विश्रामणा स्वाध्याय
___ और धर्मकथा, मूलगाथा ९ १७६ एकबार भोजनका उत्सर्ग तथा शामको किस
- समय जीमना ? ५७७ दिवसचरिम पच्चखान ऊपर एडकाक्षकी कथा
रात्रिकृत्य प्रकाश २ १७८ प्रतिक्रमण करनेका विधि और स्वरूप १७९ प्रतिक्रमणका अभिग्रह पालने ऊपर एक श्रावक
का दृष्टांत १८० पांच प्रकारके प्रतिक्रमण व उनको करनेका काल १८१ पक्खीप्रतिक्रमण चतुर्दशीको करना कि पूर्णिमाको ?
इसका खुलासा १८२ चिरंतनाचार्यकृत पंच प्रतिक्रमण करनेकी विधि १८५ शीलांगरथ और श्रमणरथका स्वरूप १८४ पांचपदकी और नौपदकी अनानुपूर्वी का स्वरूप फलादिः
. १८५ समाय करने पर धर्मदासश्रावकका दृष्टांत १८६ श्रावकने घरके मनुष्योंको धर्मोपदेश करना उसका
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स्वरूप
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