Book Title: Shraddh Vidhi
Author(s): Ratnashekharsuri
Publisher: Jain Bandhu Printing Press

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Page 16
________________ विषयांक. विषय का नाम. पृष्ठांक. १६२ स्त्री रूपवान और पुरुष कुरूप तथा पुरुष रूप वान और स्त्री कुरूप ऐसे असमजोडे पर दोपुरुषोंकी कथा ४८६ १६३ स्वजनोंके साथ एकदिल रखने पर पांच अंगुलियोंका दृष्टांत ४९२ १६४ उचितवचन पर आंबडमंत्रीकी कथा ५०३ १६५ मूर्खके सौ लक्षण ५०५ १६६ नीतिसम्बंधी और उचिताचरणकी शिक्षा. . . . १६७ व्यवहारशुद्धि पर धनमित्रकी कथा १६८ मध्यान्हमें जिनपूजा सुपात्रदान प्रत्याख्यान और . .. स्वाध्याय, मूलगाथा ८ १६९ भोजनकी रीति और सुपात्रदानकी युक्ति उसके फल व दानके दूषण भूषण १५० सुपात्रदान और परिग्रहपरिमाणवत ऊपर रत्नसारकुमारका चरित्र ..... ५२७ १७१ भोजन आदि करते समय साधर्मिककी भक्ति और दीनजनों पर अनुकंपा करना तथा पोष्यकी सम्हाल लेना ६११ १७२ पथ्यवस्तु खानेका स्वरूप .... ६१४ १७३ भोजन करने तथा पानी पीनेमें नीति और . शास्त्रकी विधि

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