Book Title: Shraddh Vidhi
Author(s): Ratnashekharsuri
Publisher: Jain Bandhu Printing Press

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Page 14
________________ ( ११ ) पृष्ठांक. विषयांक. विषय का नाम. १३६ साक्षी रखकर द्रव्य देने पर एक धूर्तवणिककी ___ कथा, निःसंतानवालेकी थापणकी व्यवस्था ४२७ १३७ रोजका आश्रयलेनेका फल ४२९ १३८ जूआआदि छोड़ना, जमानत न देना, प्राममेंही व्यापार करना ४२९ १३९ परदेश बाते भाग्यशाली मनुष्य साथमें होवे तो सुख होता है, इस पर एकवीसमनुष्योंकी कथा ४३१ १४. परदेश जानेकी विधि ४३२ १४१ आडंबरकी आवश्यकता ४३५ १४२ उच्चमनोरथ रखनेका फायदा ४३६ १४३ पापऋद्धि ऊपर चार मित्रोंकी कथा ४३७ १४४ साधर्मिकवात्सल्य, द्रव्योपार्जन, अल्प इच्छा ४३९ १४५ धर्म, अर्थ और काम ये तीन वर्ग साधनेकास्वरूप ४४० १४६ आमदनी ( आय ) के विभाग करनेका स्वरूप ४४० १४७ वास्तविक आवश्यकता होने पर धन खर्च करने के ऊपर एक श्रेष्ठीकी कथा १४८ धर्मस्थानमें व्यय करनेस धन बढता है, इस पर . विद्यापतिश्रेष्ठीकी कथा १४९ न्याक्से और अन्यायसे धन उपार्जन करने के __ऊपर देवश्रेष्ठी और यशश्रेष्ठीकी कथा

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