Book Title: Sankshipta Jain Mahabharat
Author(s): Prakashchandra Jain
Publisher: Keladevi Sumtiprasad Trust

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Page 13
________________ अनुक्रम 43 47 60 63 71 75 80 95 1. कुरूवंश, हरिवंश व यदुवंश की उत्पत्ति 2. बसुदेव का नगर-त्याग व पुनर्मिलन 3. कंस जन्म 4. पाण्डु व धृतराष्ट्र विवाह तथा कौरवों, पाण्डवों का जन्म 5. एकलव्य की गुरु-भक्ति 6. कृष्ण जन्म व लीलायें तथा कंस-वध 7. तीर्थंकर नेमिनाथ का जन्म 8. कृष्ण का विवाह 9. लाक्षाग्रह का जलना व पाण्डवों का बचकर निकलना 10. कौरव पाण्डवों का पुनर्मिलन तथा अभिमन्यु-जन्म 11. द्यूत-क्रीडा में पाण्डवों की हार तथा द्रौपदी चीरहरण 12. पांडवों का अज्ञातवास व कीचक-मरण 13. प्रद्युम्न की लीलायें 14. कृष्ण-दूत का दुर्योधन के पास जाना व विदुर की मुनि दीक्षा 116 कुरूक्षेत्र का युद्ध - महाभारत 16. द्रौपदी का हरण व वापिसी 17. महाबली नेमिनाथ का वैराग्य 18. तीर्थंकर नेमिनाथ को केवलज्ञान प्राप्ति व धर्मोपदेश 19. द्वारिका का भस्म होना 20. पांडवों का वैराग्य व मोक्षगमन 21. तीर्थंकर नेमिनाथ का मोक्ष कल्याणक 97 102 112 118 155 159 163 169 174 177 संक्षिप्त जैन महाभारत - 11

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