Book Title: Sankshipta Jain Mahabharat
Author(s): Prakashchandra Jain
Publisher: Keladevi Sumtiprasad Trust

View full book text
Previous | Next

Page 188
________________ MEE विलुप्त हो रहे प्राचीन एवं अधुनातन मौलिक साहित्य को विश्वसनीय रूप में प्रकाशित करने के लिए प्रतिबद्ध। पाठकों की रूचि का संस्कार एवं स्तर-निर्माण के लिए मार्गदर्शक ग्रंथ प्रस्तुति के लिए समर्पित। देशगत किंवा जातिगत आग्रहों एवं व्यामोहों से मुक्त रहकर _ विश्वजनीन शाश्वत मूल्यों की प्रेरणा देने वाले चिंतन को प्रसारित करने के लिए संकल्पशील। स्वस्थ परम्परा और उदान्त आचार-व्यवहार की स्थापना के लिए एक शालीन सारस्वत प्रयास की ओर अग्रसर।

Loading...

Page Navigation
1 ... 186 187 188