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मेरी भावना
भावना दिन रात मेरी सब सुखी संसार हो । सत्य संयम शील का, व्यवहार घर घर-बार हो । धर्म का प्रचार हो, ओर देश का उद्धार हो । पाप का परित्याग हो, और पुण्यका संचार हो। रोशनी से ज्ञान का, संसार में परकाश हो। धर्म के प्रभाव से, हिंसा का सर्वनाश हो । शान्ति अरु आनन्दका, हरएक घरमें वास हो । वीर-वाणी पर सभी संसार का विश्वास हो । रोग'अरु भय शोक होवें दूर सब परमात्मा। कर सर्के कल्याण ज्योति, सब जगतकी श्रात्मा।
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