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धर्म-सूत्र
जो पथिक विना पायेय लिये वडे लवे मार्ग की यात्रा पर जाता है, वह आगे जाता हुआ भूख और प्यास से पीड़ित होकर प्रत्यत दुखी होता है।
और जो मनुष्य विना धर्माचरण किये परलोक जाता है, वह वहाँ विविध प्रकार की प्राधि-व्याधियो से पीड़ित होकर अत्यंत दुखी होता है।
__ जो पथिक बडे लवे मार्ग को यात्रा पर अपने साथ पायेय लेकर जाता है, वह आगे जाता हुमा भूख और प्यास से तनिक भी पीड़ित न होकर अत्यंत सुखी होता है।
और जो मनुष्य यहाँ भलीभांति धर्म का पाराधन करके परलोक जाता है, वह वहाँ अल्पकर्मी तथा पीडारहित होकर अत्यंत सुखी होता है।
(६) जिस प्रकार मूर्ख गाडीवान जान-बूझकर भी साफ सुथरे राजमार्ग को छोड़कर विपम (ऊँचे-नीचे, ऊवड-खावड़) मार्ग पर जाता है और गाड़ी की धुरी टूट जाने पर शोक करता है