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प्रमाद-स्थान-सूत्र
९१ ( १६१) अनादि काल से उत्पन्न होते रहनेवाले सभी प्रकार के सासारिक दुबो से छट जाने का यह मार्ग ज्ञानी पुरुषो ने बतलाया है। जो प्राणी उक्त मार्ग का अनुसरण करते है, वे क्रमश मोक्ष-धाम प्राप्त कर अत्यन्त सुसी होते है।