Book Title: Pramapramey Author(s): Bhavsen Traivaidya, Vidyadhar Johrapurkar Publisher: Gulabchand Hirachand DoshiPage 58
________________ -१.३७] अनध्यवसित हेत्वाभास -to ७ [ ३७. अनध्यवसितः] . अनध्यवसितभेदास्तु - अविद्यमान सपक्षविपक्षः पक्षव्यापको यथासर्व क्षणिकं सत्त्वात् । क्षणिकाक्षणिकयोः सपक्षविपक्षयोः समित्यत्रैव अन्तर्भावात् सत्त्वादित्यस्य हेतोः न तयोः प्रवृत्तिः। सर्वेषु आकाशघट. पटादिषु पदार्थेषु सत्त्वादितीदं हेतुत्वं सर्वत्र व्याप्तमस्ति । अविधमानसपक्षविपक्षः पक्षकदेशवृत्तिः यथा - सर्वमनित्यं कार्यत्वात् । अत्रापि सपक्षविपक्षयोः अनित्यनित्ययोः सर्वमित्यत्रैव अभेददर्शनात् न कार्यत्वस्य पृथक् प्रवृत्तिः । अत एव पक्षे क्वचित् घटपटादौ कार्यत्वमस्ति आत्मादिषु नास्ति। विद्यमानसपक्षविपक्षः पशव्यापको यथा - अनित्यः शब्दः आकाशविशेषगुणत्वात् । सपक्षविपक्षरूपेषु घटपटात्मकालेषु प्रागभावोऽनित्यः सपक्षे प्रध्वं लाभावः विपक्षे सर्वत्र आकाशविशेषगुणाभावः। स्वीकृते शब्दे सर्वत्र आकाशविशेषणगुणत्वं व्याप्तं समस्ति । विद्यमानस. अनध्यवसित हेत्वाभास ___ इस के प्रकार निम्नलिखित हैं । पक्ष में व्याप्त किन्तु सपक्ष तथा विपक्ष से रहित अनध्यवसित का उदाहरण - सब पदार्थ क्षणिक हैं क्यों कि उन का अस्तित्व है । यहां जो क्षणिक हैं वे पदार्थ सपक्ष होंगे तथा जो क्षणिक नहीं हैं वे विपक्ष होंगे किन्तु इन दोनों का सब पदार्थ इस पक्ष में ही अन्तर्भाव हो जाता है अतः अस्तित्व होना यह हेतु सपक्ष या विपक्ष में प्रवृत्त नहीं हो सकता। आकाश, वट, पट आदि जितने पदार्थ हैं उन सब में अस्तित्व होना यह हेतु सर्वत्र व्याप्त है। जिस में सपक्ष और विपक्ष नही हैं तथा जो पक्ष के एक भाग में है ऐसे अनध्यवसित का उदाहरण - सब पदार्थ अनित्य हैं क्यों कि वे कार्य हैं। यहां भी अनित्य पदार्थ सपक्ष होंगे तथा नित्य पदार्थ विपक्ष होंगे किन्तु इन दोनों का सब पदार्थ इस पक्ष में ही अन्तर्भाव होने से कार्य होना यह हेतु अलग से सपक्ष या विपक्ष में 'प्रवृत्त नहीं हो सकता। यहां पक्ष में कहीं कहीं घट, पट आदि में कार्य होना यह हेतु है, आत्मा आदि पदार्थो में यह हेतु नही है । पक्ष में व्यापक तथा सपक्ष और विपक्ष से युक्त अनध्यवसित का उदाहरण - शब्द अनित्य है क्यों कि वह आकाश का विशेष गुण है । यहां घट, पट आदि सपक्ष हैं, Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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