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प्रन्थ-विषय-सूची
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देवोंमें लेश्याओंका निरूपण
४० गुणस्थानोंमें मूल प्रकृतियोंकी उदीरणाका निरूपण ५३ पर्याप्तक-अपर्याप्तक जीवोंकी लेश्याओंका निरूपण ४० दशवें और बारहवें गुणस्थानमें उदीरणाका नियम ५३ विग्रहगतिको प्राप्त , , , ४०
गुणस्थानोंमें मूल प्रकृतियोंके सत्त्वका निरूपण लेश्या-जनित भावोंका दष्टान्त द्वारा स्पष्टीकरण ४० गुणस्थानोम बन्धसे व्युच्छिन्न होनेवालो सम्यग्दृष्टि जीव मरकर कहाँ-कहाँ उत्पन्न नहीं होता ४१ प्रकृतियोंका वर्णन एक जीवके कौन-कौनसी मार्गणाएँ एक साथ
बन्धके विषयमें कुछ विशेष नियम
५४ नहीं होती
मिथ्यात्व गुणस्थानमें बन्धसे व्युच्छिन्न होनेवाली संयमोंका गणस्थानोंमें निरूपण
४१
प्रकृतियाँ समुद्घातके भेद
सासादन गुणस्थानमें केवलिसमुद्घातका निरूपण
अविरत गुणस्थानमें केवलिसमुद्घातमें काययोगोंका वर्णन
४२
देशविरत गुणस्थानमें केवलिसमुद्घातका नियम
४२
प्रमत्तविरत गुणस्थानमें , सम्यक्त्व, अणुव्रत और महाव्रतकी प्राप्तिका नियम ४२
अप्रमत्त विरत गुणस्थानमें
अपूर्वकरण गुणस्थानमें दर्शन मोहके क्षयका अधिकारी जीव
अनिवृत्तिकरण गुणस्थानमें ,, क्षायिक सम्यग्दृष्टिके संसार-वासका नियम ४३
सूक्ष्म साम्पराय गुणस्थानमें ,, दर्शन मोहके उपशमका अधिकारी जीव
सयोगि केवलीके सम्यक्त्व आदिके विरह-कालका नियम
४३
गुणस्थानोंमें उदयसे व्युच्छिन्न होनेवाली प्रकृतियोंनारकियोंके विरह-कालका नियम
४३
की संख्याका निरूपण. २. प्रकृतिसमुत्कीर्तन-अधिकार ४४-५० कुछ विशेष प्रकृतियोंके उदय-विषयक नियम मंगलाचरण और प्रकृति समुत्कीर्तन करनेकी प्रतिज्ञा ४४
आनुपूर्वीके उदय-विषयक कुछ विशेष नियम ६०. प्रकृतियोंके भेद
मिथ्यात्व गुणस्थानमें उदयसे व्यच्छिन्न होनेवाली
- प्रकृतियाँ मुल प्रकृतियोंके नाम मूल प्रकृतियोंके स्वभावका दृष्टान्त द्वारा निरूपण ४४
सासादन गुणस्थानमें
सम्यग्मिथ्यात्वमें उत्तर प्रकृतियोंके भेदोंका पृथक्-पृथक् वर्णन बन्ध-योग्य प्रकृतियाँ
अविरत सम्यक्त्वमें
देशविरतमें बन्धके अयोग्य प्रकृतियाँ उदयके अयोग्य प्रकृतियां
प्रमत्त विरतमें
अप्रमत्तविरतमें उद्वेलना-योग्य प्रकृतियाँ ध्रुवबन्धी प्रकृतियाँ
अपूर्वकरणमें अध्रुवबन्धी प्रकृतियाँ
अनिवृत्ति करणमें परिवर्तमान प्रकृतियाँ
सूक्ष्म साम्परायमें
उपशान्त मोहमें ३. कर्मस्तव अधिकार
५१-७९ क्षीण मोहमें मंगलाचरण और कर्मोके बन्ध-उदयादि
सयोगि केवलीके कथनकी प्रतिज्ञा
अयोगि केवलीके बन्ध, उदय, उदीरणा और सत्त्वका स्वरूप ५१ उदय और उदीरणामें तीन गुणस्थान-गत गुणस्थानोंमें मूल प्रकृतियोंके बन्धका निरूपण ५२ विशेषताका निरूपण गुणस्थानोंमें मूल प्रकृतियोंके उदयका निरूपण ५२ गणस्थानोंमें प्रकृतियोंके क्षयका क्रम
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