Book Title: Mahakavi Bramha Raymal Evam Bhattarak Tribhuvan Kirti Vyaktitva Evam Krutitva
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur
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प्रदेश, ग्राम, नगर वर्णन
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इसलिये एक-एक पत्नि का परित्याग करके उन्होंने वैराग्य ले लिया तथा अन्त में घोर तपस्या के पश्चात् पहिले कंवल्य और फिर निर्वाण प्राप्त किया । जैन कवियों के लिये जम्बूस्वामी का जीवन बहुत प्रिय रहा है इसलिये सभी भाषाओं में उनके जीवन से सम्बन्धित रचनाएं मिली हैं । काव्यों में वरिणत प्रदेश, ग्राम एवं नगर
ब्रह्म रायमल्ल ने अपने काव्यों मे अनेक प्रदेशों, नगरों, ग्रामों एवं द्वीपों का का उल्लेख किया है। कुछ नगरों के सम्बन्ध में विस्तृत वर्णन किया है और कुछ का केबल नामोल्लेख मात्र किया है फिर भी ग्राम पर नगरों के प्रगान मे काव्यों में रोचकता एवं उत्सुकता आयी है। अधिकांश नगर ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक नगर हैं जिन्होंने देश की संस्कृति के विकास में भरपूर योगदान दिया है । ब्रह्म रायमल्स में भगुकच्छपट्टण,' मालवदेश, उज्जयिनी, रत्नद्वीप,४ अंगदेश,५ चम्पापुर, बलवहण, दलवणपट्टण, द्वारिका, कुण्डलपुर, हस्तीनामपुर, पुडरीक,१० मगध. देश, अयोध्या, २ प्रादितपुर, १३ बसन्तनगर,१४ लंका,पुण्डरीक कोकिदा, कुरूजांगलदेश , " पोदनपुर,१८ एवं वाराणसी श्रादि नगरों एवं प्रदेशों का उल्लेख
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१. श्रीपाल रास, ८० ! २. वही, ह। ३. वहीं, । ४. वहीं, ८३ । ५. वही, ११५ । ६. वहीं, १६३ । ७. प्रद्युम्नरास, ५।
ने मीश्वररास, ८ | ८. वही, २१।३६ । ९. भविष्यदस चौपई, १०-२० । १०, प्रद्युम्नरास, ८२। ११. वहीं, ८६ । १२. वहीं, ६३ । १६-१६. हनुमत कथा । १७. भविष्यदत्त चौपई, १०-२० । १८. वही। १६. निर्दोष सप्तमी कथा ।