Book Title: Mahakavi Bramha Raymal Evam Bhattarak Tribhuvan Kirti Vyaktitva Evam Krutitva
Author(s): Kasturchand Kasliwal
Publisher: Mahavir Granth Academy Jaipur
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महाकवि ब्रह्म रायमल्ल किया है तथा अपने पात्रों की जीवन घटनाओं का वर्णन किया है। कुछ नगरों का विस्तृत परिचय निम्न प्रकार है
भृगुकच्छपट्टण
सौराष्ट्र प्रान्त के वर्तमान भडौच नगर का नाम ही प्राचीन काल में भगुकच्छपट्टण था । यह नगर अन साहित्य, व्यापार एवं संस्कृति का प्रमुख केन्द्र माना जाता था।' श्रीपाल एवं धवल सेठ की प्रथम बार इसी नगर में भेट हुई थी। सेठ के जहाजी बेड़े में ५०० जहाज थे। जिनसागर सूरि ने अष्टकम् में भृगुकच्छ को सौराष्ट्र का नगर लिखा है । प्राचार्य चन्द्रको ति ने भडोच नगर में अपनी कितनी ही रचनाओं को समाप्त किया था। इसी तरह ब्रह्म अजित ने भुगुकच्छपुर के नेमिनाथ चैत्यालम में हनुमवचरित्र की रचना की थी।५ व्यवहार भाष्य में नगर का बड़ा महत्व बतलाया है।' कालकाचार्य ने भी इस नगर में विहार किया था।" गुणचन्द्र गणि ने प्रात भाषा में संवत् ११६८ में इसी नगर में पासणाहचरित की रचना समाप्त की थी।
मालववेश
मालवा और मालव एक ही नाम है। भारतीय साहित्यकारों एवं विशेषतः जैन साहित्यकारों के लिए मालव देश बहुत आकर्षण का देश रहा है । जैन पागम,
१. प्राकृत साहित्य का इतिहास, पृष्ठ संख्या ३७३ । २. हो लघि देस बन गिरि नदी पाल । सागर तट्ट दाढीभयो हो मग, कच्छपटण सुचिसाल ।।८०३ श्रीपालरास ३. द्वीपे श्री भगुकन्छ बृद्ध नगरे सौराष्ट्रके सर्वत: ।।२।। ४. राजस्थान के जैन संत-~डा० कासलीवाल, पृ० १५७ । ५. वही, पृ. १६५। १. प्राकृत साहित्य का इतिहास, पृ. २१६ । ७. वही, पृ० ४५८ 1 ८. वही, पृ०५४६ ।