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श्रावक किये और खरतरविरुदधारक युगप्रधान श्रीजिनदत्तसूरिजीके पूर्वजोंने तथा इनोंके संतानीय आचार्योंने श्रीमाल ओसवाल पोरवाल हुँबडजैनश्वेताम्बरवंशजातिकी विशेष वृद्धि कीहै और युगप्रधान श्रीजिनदत्तमरिजीस्थापित संक्षिप्तगोत्रखरूप यह है ॥
अथ अंबाप्रदत्तयुगप्रधानपद श्रीजिनदत्तसूरिजीए तीस हजार एक लाख घर कुटुंब गोत्रबद्ध श्रावक प्रतिबोध्या तिणरो सरूप लिखे है ।
॥श्रीसुधर्माखामिजीकी परंपरामें श्रीकोटिकाख्यगच्छमें अपर नाम श्रीखरतरगच्छ श्रावकोंका गोत्र संक्षेपपणें लिखेहै ॥
१ श्रीरायभंडसालीमंडणश्रीआभूसाषिबद्धगोत्रखरतर सोलंकी रजपूत २ श्रीथेरुमणसालीबद्धगोत्रखरतर देवडारजपूत ३ कांकरीया गोत्रबद्ध खरतर भाटी रजपूत ४ बोथरा गोत्र बद्ध खरतर देवडा रजपूत, मल्हाडा अडक फोफलिया ५ करमदीया गोत्र बद्ध खरतर ६ मणहेडा बद्ध गोत्र खरतर ७ नवलखा १० नी दिहाडीवाला खरतर साहणे साहाथी ८ बेगड छाजेड १० नी दिहाडीवाला खरतर सं. १२४५ खेडेचा राठोड ९ धांधली धरण साहथी खरतरहूया १० ब्राझेचा १० री दिहाडीवाला खरतर पमार रजपूत ११ सांवणसुखा बद्ध गोत्र खरतर सिंधू ओष० सांउसुषे मिलेसो बद्ध गोत्र खरतर १२ डांगी गोत्र तथा डॉगि गोत्रमध्ये काजलोत सर्व खरतर गहलोत सापी १३ रांका सेठीया तथा काला सर्व खरतर १४ पृथडा इशल बद्ध गोत्र खरतर १५ कुकड चोपड़ा बद्ध गोत्र खर
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