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धर्मशास्त्रीय ग्रन्यसूची
कुण्डसाधनविधि । कुण्डसिद्धि दे० 'कुण्डमण्डपसिद्धि' ।
कुण्डसिद्धि-- विश्वेश्वरभट्ट द्वारा ।
कुण्डसिद्धि-- रामभट्ट द्वारा ।
कुण्डाकृति - सूर्यदास के पुत्र (नैमिषस्थ ) राम बाजपेयी द्वारा ; ( रत्नपुर के राजकुमार रामचन्द्र की आज्ञा से ) सन् १४४९ में प्रणीत । सम्भवतः यह उपर्युक्त कुण्डनिर्माणश्लोकविवृति ही है। टी० लेखक द्वारा । कुण्डार्क--कृष्णाचार्य द्वारा । कुण्डार्क-कुण्डमण्डपसिद्धि के प्रणेता विट्ठल के पुत्र रघुवीर ने इस पर मरीचिमाला नामक टीका लिखी है, जो सन् १९०२ ई० में बम्बई में मुद्रित हुई। टीकाकार ने मुहूर्तसर्वस्व भी सन् १६३५-३६ ई० में लिखा । 'कुण्डार्क' के प्रणेता हैं चतुर्धर कुल के नीलकण्ठ-पुत्र शकरभट्ट इसका मुद्रण १८७३ ई० में रत्नगिरि में हुआ ।
कुण्डोरधि-- रामचन्द्र द्वारा । ९ स्रग्धरा श्लोकों में । कुण्डोखोत --शकरभट्ट के पुत्र नीलकण्ठ द्वारा। टी० लेखक के पुत्र शंकर द्वारा नाम कुण्डभास्कर है । कुण्डोद्यातदर्शन --- अनन्तदेव द्वारा । कुण्डोद्यातदर्शन – इसका दूसरा नाम कुण्डभास्कर है, जो नोलकण्ठ के पुत्र शंकरभट्ट द्वारा प्रगीत है। यह कुण्डोद्योतवाली टीका ही है। सन् १६७९ ई० में प्रणीत ।
कुण्डार्कमणिदीपिका -- बलभद्रसूरि द्वारा। टी० लेखक कृतिसारसमुच्चय – अमृतनाथ मिश्र द्वारा ।
द्वारा ।
कुण्डार्णव- नागेशात्मज श्रीसूर्य के पुत्र श्रीधर अग्निहोत्री द्वारा । पाण्डु शक १६६१ (१७३९ ई०) में उतारी गयी।
कुमिस्मृति - अपरार्क, जीमूतवाहन कृत कालविवेक एवं हेमाद्रिद्वारा वर्णित ।
कुमारतन्त्र - रावण के पुत्र द्वारा, मदनरल (शान्त्युद्योत ) में वर्णित ।
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कुरुक्षेत्रतीर्थनिर्णय - रामचन्द्र द्वारा । कुरुक्षेत्रप्रदीप - महेशमिश्र के पुत्र वनमालिमिश्र ( उर्फ कृष्णदत्त मिश्र) द्वारा जो भट्टोजिदीक्षित के शिष्य थे; लगभग १६५० ई० ।
१५३३
कुरुक्षेत्रप्रदीप- ( या क्षेत्रमाहात्म्य) माधवाचार्य द्वारा । कुरुक्षेत्ररत्नाकर शंकर द्वारा । कुरुक्षेत्रानुक्रमणिका -- हरिगिरि द्वारा । कुदाकण्डिका-- वंशीधर द्वारा ।
कृत्यकल्पदुम-गदावर द्वारा; वाचस्पति मिश्र द्वारा व० | १५०० ई० के पूर्व ।
कृत्यकल्पलता - वाचस्पति कृत; रघुनन्दन के मलमासतत्त्व में वर्णित । कृत्यकालविनिर्णय - श्री कराचार्य के पुत्र श्रीनाथ द्वारा । दे० ' कृत्यतत्त्वार्णव' |
कृत्यकौमुदी -- दे० प्रकरण १०१ (गोविन्दानन्द) । खु० के मलमासतत्त्व में वर्णित । कृत्यकौमुदी - गोपीनाथ मिश्र द्वारा ।
कृत्यकौमुदी -- जगन्नाथ द्वारा। इसमें शुद्धिदीपिका का उल्लेख है।
कृत्यकौमुदी -- सिद्धान्तवागीश भट्टाचार्य द्वारा ( बड़ोदा, सं० १०१५२, एकोद्दिष्ट श्राद्ध के एक अंश पर ) । कृत्यचन्द्रिका --- रामचन्द्र चक्रवर्ती द्वारा ।
कुमारस्मृति-- मिताक्षरा, अपरार्क एवं प्रायश्चित्ततत्त्व कृत्यचन्त्रिका -- चण्डेश्वर - शिष्य रुद्रधर महामहोपाध्याय
में य० ।
द्वारा । लगभग १३६०-१४०० ई० । स्मृतियों में
कूपप्रतिष्ठा ।
कूष्माण्डहोम | कूष्माण्डहोमप्रयोग ।
कृच्छ्रचान्द्रायणलक्षण । कुच्छलक्षण ।
कृच्छ्रादि- सुप्रबोधिनोपद्धति - विष्णु के पुत्र रामचन्द्र द्वारा (बड़ोदा, सं० १०६२९) । कृतिवत्सर - मणिरामदीक्षित द्वारा।
कृत्यकल्पतद -- ( या कल्पतरु) लक्ष्मीवर द्वारा ; दे० प्रक०
७७ ।
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