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ई०) को हुई । विश्वरूपनिबन्ध, दीपिकाविवरण, निर्णयामृत, कालादर्श, पुराणसमुच्चय, आचारतिलक के उद्धरण हैं। अलवर (सं० ३२३) । इसमें मालती माधव का श्लोक 'ये नाम केचिदिह' है । नडियाद में सन् १८९७ में प्रकाशित। टी० देवजानीय, नि० सि०, विधानपारिजात में व० । १५२०-१६०० ई० के बीच ।
निर्णयदीपिका -- वत्सराज द्वारा । निर्णयसिन्धु एवं श्राद्धमयूख में व० । सम्भवतः यह अचलकृत निर्णयदीपक ही है।
निर्णयपीयूष --- विश्वम्भर के स्मृतिसारोद्वार में व० । निर्णयप्रकाश ।
धर्मशास्त्र का इतिहास
निर्णयप्रदीपिकानन्दपण्डित की श्राद्धकल्पलता में व० । निर्णय बिन्दु - महादेव के पुत्र अनन्तदेव द्वारा । तिथियों
पर ।
-वक्कण द्वारा ।
निर्णयबिन्दु - निर्णयभास्कर - नीलकण्ठ द्वारा (सेण्ट्रल प्राविसेज, सं०
२६००)। निर्णयभास्कर ---- पाण्डु ० तिथि सं० १७२५, माघ ( १६६९ ई०), पोटर्सन, छठी रिपोर्ट ( पृ० १० में) । निर्णयमंजरी -- गंगाधर द्वारा ।
निर्णयरत्नाकर -- गोपीनाथ भट्ट द्वारा । निर्णयशिरोमणि - निर्णयदीपक में एवं अनन्त द्वारा स्मृतिकौस्तुम में व० | १५०० ई० के पूर्व । निर्णयाली - नि० सि० में व० 1
निर्णयसंग्रह --- प्रतापरुद्र द्वारा । निर्णयसंग्रह -- मधुसुदन द्वारा । निर्णय समुदाय ।
निर्णयसार क्षेमंकर द्वारा ।
निर्णयसार - गोस्वामी द्वारा, से० प्रा० सं० २६०२ । निर्णयसार - दीपचन्द्र मिश्र के पुत्र नन्दराम मिश्र द्वारा तिथि, श्राद्ध आदि छः परिच्छेदों में । वि० सं० १८३६ (१७८० ई० ) में प्रणीत । निर्णयसार -- भट्टराघव द्वारा। बड़ोदा (सं० ८६७० ) । १६१२ ई० के पश्चात् एवं १७०० के पूर्व ।
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निर्णयसार - रामभट्टाचार्य द्वारा । निर्णयसार - लालमणि द्वारा । निर्णयसारसंग्रह - बड़ोदा (सं० ४०५ ) । निर्णयसिद्धान्त - महादेव ( सम्भवत: कालनिर्णय सिद्धान्त के लेखक) द्वारा ।
निर्णयसिद्धान्त - रघुराम द्वारा ( यह सम्भवतः कालनिर्णयसिद्धान्त ही है) ।
निर्णयसिन्धु — कमलाकर भट्ट द्वारा । सं० १६६८ ( १६१२ ई० ) में प्रणीत । दे० प्रक० १०६, चौ० सं० सी० एवं निर्णय ० प्रेस द्वारा प्रका० । टी० रत्न माला या दीपिका ( कृष्णभट्ट आर्डे द्वारा रचित) |
निर्णयानन्द -- अहल्या कामधेनु में व० 1 निर्णयामृत -- अल्लाड (याट) नाथसूरि (सिद्ध लक्ष्मण के पुत्र) द्वारा यमुना पर एकचक्रपुर के राजकुमार सूर्यसेन की आज्ञा से विरचित। इसमें एकचक्रपुर के बाहुबाणों (चाहुवाणों ? ) के राजाओं की तालिका दो हुई है। आरम्भ में मिताक्षरा, अपरार्क, अर्णव, स्मृतिचन्द्रिका, धवल, पुराणसमुच्चय, अनन्तभट्टीय गृह्यपरिशिष्ट, रामकौतुक, संवत्सरप्रदीप, देवदासीय, रूपनारायणीय, विद्याभट्टपद्धति, विश्वरूपनिबन्ध पर ग्रन्थ की निर्भरता की घोषणा की गयी है । कुछ पाण्डु के श्लोक में हेमाद्रि, कालादर्श, चिन्तामणि का उल्लेख है । किन्तु हेमाद्रि के कालनिर्णय ( पृ० (३४) ने एक निर्णयामृत का उल्लेख किया है। यह ग्रन्थ निर्णयदीपक, श्राद्धक्रियाकौमुदी में व० है, अतः तिथि १५०० ई० के पूर्व किन्तु १२५० के पश्चात् की है। व्रत, तिथिनिर्णय, श्राद्ध, द्रव्यशुद्धि एवं आशौच पर चार प्रकरण हैं। वेंकटेश्वर प्रे० से
प्रका० ।
निर्णयामुत - गोपीनारायण ( लक्ष्मण के पुत्र) द्वारा
सूर्यसेन के अधीन प्रणीत (कलकत्ता सं० का ० पाण्डु०, जिल्द २, पृ०७८) | प्रतीत होता है यह अल्लाड़ का निर्णयामृत है, किन्तु गोपीनारायण कुछ सन्देह उत्पन्न करते हैं। बीकानेर ( पृ० ४२६) ।
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