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धर्मशास्त्रीय ग्रन्थसूची
महादेवात्मज दिवाकर द्वारा। ले० के धर्मशास्त्र- श्राद्धदीप-विधानपारिजात में व०। सुधानिधि का एक अंश । उसके पुत्र वैद्यनाथ द्वारा एक श्राद्धदीप-जयकृष्ण भट्टाचार्य द्वारा (-प्रदीप नाम भी अनुक्रमणी प्रस्तुत की गयी। दे० आचारार्क, लग० है)। नो० (जिल्द १०, पृ० १०७)। कल्पतरु की १६८० ई०। (२) नन्दन द्वारा। (३) रामचन्द्र आलोचना भी है। भट्ट द्वारा। (४) चण्डेश्वर के शिष्य रुद्रधर द्वारा। श्राद्धदीप-दिव्यसिंह महापात्र द्वारा। वर्धमान की दी हुई श्राद्ध-परिभाषा उ० है--सम्बन्ध- श्राद्धदीपकलिका--शूलपाणि कृत। नि० सि०, विधानपदोपनीतान पितरदिशा व्यत्यागः शादम।' नो पारिजात में व। (जिल्द ८, पृ० २७०) । (५) श्रीकराचार्य के पुत्र श्राद्धदीपिका--सदाशिव दीक्षित के पुत्र काशी दीक्षित श्रीनाथ आचार्य चूडामणि द्वारा। यजुर्वेदिधाद्धतत्त्व याज्ञिक द्वारा। कात्याय नसूत्र एवं कर्कभाप्य पर (पृ.० ४९३) में उसके गुरु के ग्रन्थ के रूप में व० आधुत। श्रीदत्त की आलोचना की गयी है। लग० १४७५- श्राद्धदीपिका-याविन्द पण्डित कृत। नन्दपण्डित की १५२५ ई०।
श्राद्धक , मव० । श्राद्धचन्द्रिकाप्रकाश---यह दिवाकर की श्राद्धचन्द्रिका श्राद्धदीपिका ... गाय (गुजरात में श्रीस्थल के
रत्नभट्ट- लाभट्ट के पुत्र मालजित्) द्वारा। श्रावचिन्तामणि--वाचस्पतिमिश्र द्वारा। बनारस में । ले० ने शाहजहाँ के लिए मन् १६४३ ई० में पारसी
शक सं० १८१४ में मु० । दे० प्रक० ९८ । टी० प्रकाश भी लिखा। भावदीपिका, महामहोपाध्याय वामदेव द्वारा (नो०, श्राद्धदीपिका-श्रीकराचार्य के पुत्र श्रीनाथ आचार्यचूड़ाजिल्द ५, १० १६५)।
मणि द्वारा। सामवेद-उन्नयायियों के लिए। यजुर्वेदिथाद्धचिन्तामणि--श्रीविश्राम शुक्ल के पुत्र शिवराम श्राद्धतत्त्व में रघु द्वारा व०। १४७५-१५२५ ई० । द्वारा। प्रयोगपद्धति या सुबोधिनी भी नाम है। श्राद्धदीपिका--श्रीभीम (जिन्हें काञ्चिविल्लीय अर्थात ले० की कृत्यचिन्तामणि में श्राद्ध के भाग का निष्कर्ष राढीय ब्राह्मण कहा गया है) द्वारा। सामवेद
भी दिया हुआ है। इण्डि० आ० (पृ० ५३८)। के अनुयायियों के लिए। नो० न्यू० (जिल्द १, पृ० भारतत्त्व--रघु० कृत। दे० प्रक० १०२; जीवानन्द ३७९) । द्वारा प्रका० । टी० विवृति, राधावल्लभ के पुत्र श्राद्धदीपिकानिर्णय । काशीराम वाचस्पति द्वारा (कलकत्ता में बंगला श्राद्धदेवतानिर्णय । लिपि में म०)। टी० भावार्थदीपिका, गंगाधर श्राद्धद्वासप्ततिकला। चक्रवर्ती द्वारा। टी० श्राद्धतत्त्वार्थ, जयदेवविद्या- श्राद्धनवकण्डिकासूत्र--देखिए श्राद्धकल्प (कात्यायनीय)। वागीश के पुत्र विष्णुराम सिद्धान्तवागीश द्वारा श्राद्धनिरूपण--अलवर (सं० १५०१)।
(इन्होंने प्रायश्चित्ततत्त्व पर भी टी० लिखी है)। श्राद्धनिर्णय--उमापति कृत। नन्दपण्डित की श्राद्धश्रादतिलक-विधानपारिजात में व०।
कल्पलता में व०। श्रावदर्पण-जयकृष्ण तर्कवागीश कृत। कल्पतरु की श्राद्धनिर्णय-चन्द्रचूड़ कृत।
आलोचना है। इसे श्राद्धदीप (या-प्रदीप) भी कहा श्राद्धनिर्णय-शिवभट्ट कृत। गया है।
• श्राद्धनिर्णय--सुदर्शन कृत। श्रावदर्पण-मधुसूदन द्वारा।
श्राद्धनिर्णयदीपिका-पराशरगोत्र के तिरुमलकवि द्वारा। धावदीधिति-कृष्णभट्ट कृत।
कालादर्श का उल्लेख है।
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