Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 3
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 647
________________ १६४० धर्मशास्त्र का इतिहास स्मृतिरत्नाकर --- सरस्वतीवल्लभात्मज श्रीरंगनाथाचार्य स्मृतिव्यवस्थार्णव- बिहार एवं उड़ीसा कैट० (१, सं० के 'पुत्र 'वेंकटनाथ द्वारा । लेखक का उपनाम वैदिकसार्वभौम है। आह्निक अंश लक्ष्मीवेंकटेश्वर प्रेस, कल्याण से प्रका० । विज्ञानेश्वर, स्मृतिच०, अखण्डादर्श, माघत्रीय, स्मृतिसारसमुच्चय एवं इतिहाससमुच्चय का उल्लेख है। इसको सदाचारसंग्रह भी कहा गया है। स्मृतिरत्नाकर -- वेदाचार्य द्वारा । नित्य नैमित्तिकाचार, गर्भाधानादि संस्कार, तिथि निरूपण, श्राद्ध, शान्ति, तीर्थयात्रा, भक्ष्याभक्ष्य, व्रत, प्रायश्चित्त, आशौच, अन्त्येष्टि पर १५ अध्याय । कामरूप राजा के आश्रय में प्रणीत । इसने भवदेव (प्रायश्चित्त पर ), जीमूतवाहन, स्मृतिमीमांसा, स्मृतिसमुच्चय, आचारसागर, दानसागर, महार्णव का उल्लेख किया है। रघु० के यजुर्वेदिश्राद्धतत्त्व में सम्भवत: इसी का उल्लेख है। १२५०-१५०० ई० के बीच में। इ० आ० ( पृ० ४७३-७४), नो० (भाग ७, ४५) । स्मृतिरत्नावलि - नृसिंहप्रसाद, अन्त्येष्टिपद्धति (नारायणभट्ट कृत), नि० सि० शुद्धिचन्द्रिका (नन्द पंडित कृत) में वर्णित है । स्मृतिरत्नावलि - महेश्वर के पुत्र मधुसूदन दीक्षित द्वारा। बीकानेर ( पृ० ४६७, केवल श्राद्ध का अंश) । स्मृतिरत्नावलि - - रामनाथ विद्यावाचस्पति द्वारा । सन् १६५७ ई० में प्रणीत । दे० दायभागविवेक । स्टीन ( पृ० १०९ ) । स्मृतिरत्नावलि - वेचूराम द्वारा। नो० (७, पृ० २२८) । स्मृतिरहस्य | स्मृतिविवरण -- आनन्दतीर्थ द्वारा। यह सदाचारस्मृति ही है। स्मृतिविवेक -- मेघातिथि द्वारा । दे० प्रक० ६३ ॥ स्मृतिविवेकशूलपाणि द्वारा । दे० प्रक० ९५ । स्मृतिव्यवस्था-गौड़ देश के चिन्तामणि न्यायवागीश भट्टाचार्य द्वारा । शुद्ध्यादिव्यवस्था पर । पाण्डु० की तिथि शक १६१० ( १६८८-८९ ) । Jain Education International ४३३)। स्मृतिशेखर - ( या कस्तूरिस्मृति) नागय के पुत्र कस्तूरि द्वारा । बर्नेल ( तंजौर कैट० १३६ ए ) । आचार पर । स्मृतिसंस्कारकौस्तुभ --- --- सम्भवतः अनन्तदेव का ही संस्कारस्तुभ है। स्मृतिसंक्षेप नरोत्तम द्वारा। आशौच, सहमरण, षोडशदान पर । नो० न्यू० (भाग २, पृ० २२५ एवं भाग १, पृ० ४१४)। स्मृतिसंक्षेपसार मधुसूदन तर्कवागीश के पुत्र रमाकान्त चक्रवर्ती द्वारा । उद्वाह, उद्वाहकाल, गोत्र, प्रवर, सपिण्ड, समानोदक आदि पर । नो० न्यू० ( भाग २, पृ० २२५) । स्मृतिसंग्रह - ( या संग्रह ) । दे० प्रक० ५४ । स्मृतिसंग्रह - (१) छलारि नारायण द्वारा; लेखक के पुत्र द्वारा स्मृत्यर्थं सारसागर में व० । (२) दयाराम द्वारा। (३) नीलकण्ठ द्वारा (४० का० पाण्डु० सं० ३७३, १८७५-७६) । (४) नवद्वीप के रामभद्र न्यायालंकारभट्टाचार्य द्वारा । अनध्याय, तिथि, प्रायश्चित, शुद्धि, उद्वाह, सापिण्ड्य पर। इसे व्यवस्थाविवेचन या व्यवस्थासंक्षेप भी कहते हैं । (५) सायण एवं माधव लिखित कहा गया है। स्मृतिसंग्रह - - वाचस्पति द्वारा । स्मृतिसंग्रह - विद्यारण्य द्वारा (हुल्श, सं० ५९१) । स्मृतिसंग्रह -- ( या विद्यारण्यसंग्रह) ७००० पद्यों में एक विशाल ग्रन्थ ( बड़ोदा, ११२४८ ) । स्मृतिसंग्रह -- वेङ्कटेश द्वारा। क्या यह वेङ्कटनाथ कृत स्मृतिरत्नाकर ही है ? स्मृतिसंग्रह - हरदत्त द्वारा । स्मृतिसंग्रह -- यह परमेश्वरीदासान्धि ही है । स्मृतिसंग्रह-व्यवहार पर ( कलकत्ता संस्कृत कालेज पाण्डु० कै० भाग २, पृ० १३७, सं० १४१ ) स्मृतिसंग्रहरत्नव्याख्यान --- नारायणभट्ट के पुत्र रामचन्द्र द्वारा चतुर्विंशतिमत पर एक टीका (इ० आ० केट० For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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