Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 3
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 651
________________ धर्मवाल्व का इतिहास द्वारा। टीका मावृदत्त द्वारा (किर्ट के संस्करण में होमनिर्णय-शंकर के पुत्र नीलकण्ठात्मक भानुभट्ट उबरण)। , द्वारा। लगभग १६२०-१६८० ई०। हिरण्यकेशिधर्मसूत्र-दे० प्रक० ८। टीका उज्ज्वला, होमकालातिकमप्रायश्चित्त। महादेव द्वारा। दे० प्रक० ८॥ होमपति-माधव द्वारा। लेखक के मखतिलक का एक अंश। रूपनारायण का वर्णन है। अलवर (उबरण, हिरण्यवाद। ३७५)। हेमाद्रिकालनिर्णयसंक्षेप--(या-संग्रह) लक्ष्मीधर के होमपति-लम्बोदर द्वारा। पुत्र भट्ठोजि दीक्षित द्वारा। दे० बड़ोदा (संख्या होमप्रायश्चित्त। ५४८०)। होमलोपत्रायश्चित्तप्रयोग। हेमाद्रिनिबन्ध-यह चतुर्वर्गचिन्तामणि ही है। होमविधान-बालकृष्ण द्वारा (ऋग्वेदीय)। बड़ोदा हेमादिप्रयोग-विद्याधर द्वारा। (८३५४)। हेमाद्रिसंक्षेप-भजीभट्ट द्वारा। स्टीन (पृ० ११०)। होमसिद्धान्त-अज्ञात। हेमाद्रिसर्वप्रायश्चित्त बालसूरि द्वारा। होरिलस्मृति-विश्वम्भर के स्मृतिसारोबार में वर्णित । For Private & Personal Use Only Jain Education International www.jainelibrary.org

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