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धर्मशास्त्रीय प्रत्यसूची
स्मृतिप्रदीप- हेमाद्रि (काल०, पृ० ३५५) द्वारा व० । स्मृतिप्रदीप -- चन्द्रशेखर महामहोपाध्याय द्वारा | तिथि, आशौच, श्राद्ध पर ।
स्मृतिप्रदीपिका - दे० चन्द्रशेखर वाचस्पति की धर्मदीपिका ।
स्मृतिप्रदीपका - चतुर्विंशतिमत पर अपनी टीका में भट्टोज द्वारा व० । स्मृतिप्रामान्यवाद ।
स्मृतिभास्कर -- स्मृतिचन्द्रिका, नृसिंह के प्रयोगपारिजात, धर्मप्रवृत्ति, नृसिंहप्रसाद द्वारा व० । मद्रास गवर्नमेण्ट (भाग ५, पृ०२०४३, सं० २७८६-८७) में एक स्मृतिभास्कर के यतिधर्म एवं शूद्रधर्म के अंश हैं। स्मृतिभास्कर - पीलकण्ठ द्वारा (नो०, भाग ५, पृ० (१०८) । आरम्भिक श्लोकों से पता चलता है कि यह नीलकण्ठ का शान्तिमयूख है ।
स्मृतिभूषण - केशव के पुत्र कोनेरिभट्ट द्वारा । माध्व अनुयायियों के लिए एक निबन्ध ।
स्मृतिमंजरी - कालीचरण न्यायालंकार द्वारा । स्मृतिमंजरी --- गोविन्दराज द्वारा । दे० प्रक० ७६ । स्मृतिमंजरी - - रत्नधर मिश्र द्वारा ।
स्मृतिमंजरी - - अज्ञात ( 3० का० पाण्डु० सं० १८४,
१८८४-८६, श्राद्ध पर) ।
स्मृतिपंजूषा -- कालादर्श, स्मृतिसार (हरिनाथकृत) एवं श्रादत्त के छन्दोगालिक में व० । १३०० ई० से पूर्व ।
स्मृतिमहाराज - कृष्णराज द्वारा (बड़ोदा, सं० ८०२३) । मदनरत्न का उल्लेख है। गोदान से आरम्भ होकर मूर्तिप्रतिष्ठापन से अन्त होता है। इसे शूद्रपद्धति भी कहा गया है।
स्मृतिमहार्णव- ( या स्मृतिमहार्णवप्रकाश) हेमाद्रि द्वारा व० । दे० महार्णव ।
स्मृतिमहोदधि - चिदानन्द ब्रह्मेन्द्रसरस्वती के शिष्य पर
मानन्दघन द्वारा ।
स्मृतिमीमांसा - जैमिनि द्वारा अपरार्क ( पृ० २०६ ) द्वारा व० । जीमूतवाहन के काल विवेक, वेदाचार्य के
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स्मृतिरत्नाकर, हेमाद्रि के व्रतखण्ड एवं परिशेषखण्ड में तथा नृसिंहप्रसाद द्वारा १० । स्मृतिमुक्ताफल- वैद्यनाथदीक्षित द्वारा । दक्षिण भारत का एक अति प्रसिद्ध निबन्ध । वर्णाश्रमधर्म, आह्निक, आशौच, श्राद्ध, द्रव्य शुद्धि, प्रायश्चित्त, व्यवहार, काल पर । लगभग १६०० ई० । स्मृतिमुक्ताफलसंग्रह - चिदम्बरेश्वर द्वारा । स्मृतिमुक्तावली -- विजयीन्द्रभट्टात्मज कुमार नृसिंहभट्ट के पुत्र कृष्णाचार्य द्वारा । १० प्रकरणों में । स्मृतिरत्न --- कालादर्श, सं० कौ० सं० म० ( सिद्धेश्वरकृत) द्वारा व० ।
स्मृतिरत्न --- रघुनाथभट्ट द्वारा । पाण्डु० (नो०, भाग ७, पृ० २५३ ) की तिथि शक १६९९ है । स्मृतिरत्नकोश ।
स्मृतिरत्नमहोदधि --- चिदानन्दब्रह्मेन्द्रसरस्वती के शिष्य श्री परमानन्दघन द्वारा । षट्कर्मविचार, आचार, आशौच आदि पर विवेचन है। माधवीय का उल्लेख है । मद्रास गवर्नमेण्ट पाण्डु० ( पृ० २०५५-५७, संख्या २८०२ - ४ ) ।
स्मृतिरत्नविवेक --- चण्डेश्वर एवं रुद्रधर द्वारा व० । १३०० ई० के पूर्व ।
स्मृतिरत्नाकर --- तातयार्य द्वारा ( बड़ोदा, १९१९ ) । स्मृतिरत्नाकर -- ताम्रपर्णाचार्य द्वारा । स्मृतिरत्नाकर - भट्टोजि द्वारा ( प्रायश्चित्त एवं आशौच पर) । दे० मद्रास गवर्नमेण्ट पाण्डु० (भाग ५, पृ० २०५९, संख्या २८०६ ) । स्मृतिरत्नाकर - विदुरपुर के निवासी केशव के पुत्र विट्ठल द्वारा । बर्नेल (तंजौर, पृ० १३३ ए ) । स्थान एवं विषयों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि यह पूर्ववर्ती है। स्मृतिरत्नाकर - विदुरपुरवासी केशव के पुत्र विष्णुभट्ट द्वारा । आह्निक, १६ संस्कारों, संक्रति, ग्रहण, दान, तिथि - निर्णय, प्रायश्चित्त, आशौच, नित्यनैमित्तिक पर (ड० का ० पाण्डु० सं० ५२, १८६६ - ६८ ) । बीकानेर ( पृ० ४६७ ) में पिता का नाम शिवभट्ट लिखा है ।
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