Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 3
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 636
________________ धर्मशास्त्रीय ग्रन्यसूची संध्यावन्दनमाव्य- शंकराचार्य (?) द्वारा। संन्यासपदमंजरी --- वरदराजभट्ट द्वारा । संध्यावन्यनभाव्य - शत्रुघ्न द्वारा। अलवर (सं० १५१४) । संन्यासपद्धति - नि० सि० एवं श्राद्धमयूख में वर्णित । संध्यावन्यनभाव्य श्रीनिवासतीर्थ द्वारा । संन्यासपद्धति---अच्युताश्रम द्वारा । संध्याबन्धन मन्त्र --- विभिन्न वेदों के अनुयायियों के लिए संन्यासपद्धति -- माध्व मत (१११९-११९९ ई०) के इस नाम के कई ग्रन्थ हैं। संस्थापक आनन्दतीर्थं द्वारा स्टीन ( पृ० ३१८ ) । संयामन्त्रव्यात्मा ब्रह्मप्रकाशिका - भट्टोजि के शिष्य संन्यासपद्धति - निम्बार्कशिष्य द्वारा । वनमाली मिश्र द्वारा । स्टीन ( पृ० २५६ ) । लग० संन्यासपद्धति ब्रह्मानन्दी द्वारा। बड़ोदा (संख्या १६५० ई० । १६७६) की संन्यासपद्धति ब्रह्मानन्दीय पद्धति के अनुसार है । संन्यासपद्धति---रुद्रदेव द्वारा ( प्रतापनारसिंह से उद्धृत)। संन्यासपद्धति --- शंकराचार्यकृत मानी गयी है (इ० आ०, संध्यारत्नप्रदीप- आशाधरभट्ट द्वारा। बड़ोदा (सं० २९)। संध्यावन्दनविवरण -- द्विजकरूपलता से । संध्याविधिमन्त्रसनू हटीका - रामानन्दतीर्थं द्वारा । संध्यासूत्रप्रवचन--- हलायुध द्वारा । संन्यासकर्मकारिका । संन्यासग्रहणपद्धति --- जनार्दनभट्ट के पुत्र आनन्दतीर्थ संन्यासभेदनिर्णय | द्वारा । संन्यासग्रहणपद्धति-शंकराचार्य द्वारा । संन्यासग्रहणपद्धति शौनककृत कहा गया है। संन्यासग्रहणरत्नमाला - भीमाशंकरशमा द्वारा (बड़ोदा, १२३०५) । संन्यासप्रापद्धति - ( संन्यासप्रयोग या सप्तसूत्री) शंकराचार्यकृत कहा गया है। संन्यास ग्रहण के समय के कृत्यों पर । संन्यासयीपिका-अग्निहोत्री गोपीनाथ द्वारा (बड़ोदा, १००५७)। संन्यासदीपिका-नृसिंहाश्रम के शिष्य सच्चिदानन्दाश्रम द्वारा। अलवर (उद्धरण ३६३ ) । संन्यास धर्मसंग्रह -अच्युताश्रम द्वारा । संन्यासनिर्णय --- वल्लभाचार्य द्वारा (पद्य में ) । टी० लेखक द्वारा। टी० विवरण, पीताम्बर के पुत्र पुरुषोत्तम द्वारा। ड० का० (सं० १७५, १८८४८६) । टी० विट्ठलदीक्षित के शिष्य रघुनाथ द्वारा। बी० बी० आर० ए० एस० ( भाग २, पृ० ३२७) । टी० विट्ठलेश द्वारा । संन्यासनिर्णय - पुरुषोत्तम द्वारा । Jain Education International १६२९ पृ० ५२१, संख्या १६४२) । संन्यासपद्धति - शौनककृत मानी गयी है नो० (भाग २, पृ० १०१ ) । संन्यासरत्नावलि - पद्मनाभ भट्टारक द्वारा (माध्व सिद्धान्तों के अनुसार ) । संन्यासरीति । संन्यासवरण -- वल्लभाचार्य द्वारा । नो० ( भाग १०, पृ० १७८ ) । संन्यासविधि - विष्णुतीर्थ द्वारा ( बड़ोदा, ८५१२ ) । संन्यासाह्निक । संन्यासिपद्धति - (वैष्णवों के लिए ) - इण्डिया आ० ( पृ० ५२३) । संन्यासिमरणोत्तरविधि - स्टीन ( पृ० १०७) । संन्यासिसंध्या । संन्यासिसमाराधन । संन्यासिसापिण्ड्यविधि - वेदान्तरामानुज तातदास द्वारा । संन्यासी पुत्र द्वारा अपने पिता के सपिण्डीकरण पर । सन्मार्गकष्टकोद्धार - कृष्णतांत द्वारा (प्रपन्न के सपिण्डीकरण की आवश्यकता पर ) । सन्मार्गकण्टकोद्धारखण्डन - मद्रास गवर्नमेण्ट पाण्डुलिपि (भाग ६, पृ० २३१४, सं० ३०९३) । सपिण्डनिर्णय | For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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