Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 3
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 627
________________ १६२० श्रानृसिंह- नृसिंह कृत (कलकत्ता सं० कालेज पाण्डु, जिल्द २, पृ० ३९२ १ । श्राद्धपत्री - वाचस्पतिमिश्र के द्वैतनिर्णय में उल्लिखित धर्मशास्त्र का इतिहास (आक्सफोर्ड कैटलाग, पृ० २७३ बी०) । श्राद्धपञ्जी -- रुद्रधर के श्राद्धविवेक में व० । १४०० ई० श्राद्धप्रकीर्णकारिका । के पूर्व । श्राद्धपद्धति - ( आश्वलायनीय ) । श्राद्धपद्धति -- ( पंचत्रिंशच्छ्लोकी) । श्राद्धपद्धति -- कन्नोज के बाबू लक्ष्मीकान्तात्मज लोकमणि के पुत्र कुलमणि-सुत क्षेमराम द्वारा । पाण्डु ० (इण्डि० आ०, पृ० ५५९ ) की तिथि सं० १८०५ (१७४८-९ ई०)। श्राद्धपद्धति - रामपण्डित के पुत्र गोविन्द पण्डित द्वारा । श्राद्धपद्धति -- दयाशंकर द्वारा । श्राद्धपद्धति दामोदर द्वारा । श्राद्धपद्धति -- नारायण भट्ट आरडे द्वारा ( बड़ोदा, सं० ३३८)। श्राद्धपद्धति--नीलकण्ठ द्वारा । श्राद्धमयूख में व० । श्राद्धपद्धति -- हलायुध ( जिन्होंने ब्राह्मणसर्वस्व लिखा है) के ज्येष्ठ भ्राता पशुपति द्वारा। टी० हलायुध द्वारा । श्राद्धपद्धति -- माधव के पुत्र रघुनाथ द्वारा । 'दर्शश्राद्ध पद्धति' नाम भी है। हेमाद्रि के ग्रन्थ पर आवृत । ले० नारायण भट्ट के भतीजे थे । श्राद्धपद्धति - विश्वनाथभट्ट द्वारा । श्राद्धपद्धति -- शाण्डिल्य गोत्र के रत्नाकर - पुत्र शंकर द्वारा । श्राद्धपद्धति -- हेमाद्रि ारा । ले० की चतुर्वर्ग चिन्तामणि की ओर संकेत है। स्टीन ( पृ० ३१६-१७ ) । श्राद्धपल्लव -- रुद्रधर के श्राद्धविवेक एवं टोइरानन्द ( श्राद्धसौख्य) में व० 1 श्राद्धपारिजात - द्वैतपरिशिष्ट (द्वैत निर्णयपरिशिष्ट ) में केशव द्वारा व० । श्राद्धप्रकरण - लोल्लट द्वारा ( पूना के आनन्दाश्रम संग्रह में पाण्डु० है ) । मेधातिथि के उद्धरण हैं। Jain Education International स्मृत्यर्थसार में उ० है, अतः ९००-११०० ई० के बीच । श्राद्धप्रकरण -- नरोत्तमदेव द्वारा । श्राद्धप्रकाश - नि० सि० में व० । श्राद्धप्रदीप । श्राद्धप्रदीप-कृष्ण मित्राचार्य द्वारा । श्राद्धप्रदीप गोवर्धन के पुत्र धनराम द्वारा। बड़ोदा (सं० ९९७१); १७५० ई० के पश्चात् नहीं । श्राद्धप्रदीप - श्रीधर शर्मा के पुत्र प्रद्युम्नशर्मा द्वारा । पाण्डु० शक १४४८ (१५२६ ई०) में उतारी गयी । सम्भवतः अधिकारी के रूप में ही लेखक को श्रीहट्टदेशी हाकादिद्दी का स्वामी कहा गया है। नो० न्यू० ( जिल्द १, पृ० ३८०-८१) । श्राद्धप्रदीप -- मधुसूदन के पुत्र मदनमनोहर महामहो - पाध्याय द्वारा । यजुर्वेदपाठियों के लिए। नो० (जिल्द ६, पृ० २९९) । श्राद्धप्रदीप - रुद्रधर द्वारा । से० प्रा० ( ९३९) । सम्भवतः यह श्राद्धचन्द्रिका या श्राद्धविवेक ही है । श्राद्धप्रदीप - वर्धमान द्वारा । रघु० के श्राद्धतत्त्व में व० । श्राद्धप्रदीप भवनाथ सन्मिश्र के पुत्र शंकर मिश्र द्वारा । रुद्रर के श्राद्धविवेक में श्राद्धक्रियाकौमुदी तथा रघु० के श्राद्धतत्त्व में व० । नो० (जिल्द ७, पृ० १९१) । ले० वर्धमान के गुरु थे । श्राद्धप्रभा--- रामकृष्ण द्वारा। टी० भी है। श्राद्धप्रयोग -- ( १ ) आपस्तम्बीय, (२) बौधायनीय, ( ३ ) भारद्वाजीय, (४) मैत्रायणीय, ( ५ ) सत्याषाढीय, (६) आश्वलायनीय, कमलाकर कृत । श्राद्धप्रयोग -- (आश्वलायनीय ) विश्वनाथ के पुत्र रामभट्ट द्वारा । श्राद्धप्रयोग - गोपालसूरि द्वारा । प्रयोगदर्पण, वैद्यनाथीय निबन्ध, सुधानिधिविलोचन द्वारा व० है । श्राद्धप्रयोग - दयाशंकर द्वारा । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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