Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 3
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 631
________________ १६२४ धर्मशास्त्र का इतिहास षोडशपिण्डदानप्रयोग अज्ञात । संवत्सरप्रदीप का उ० है । नो० (जिल्द २, पृ० ३१०-३११) । षोडशमहादानपद्धति -- (या दानपद्धति) कार्णाट वंश के मिथिलेश नृसिंह के मन्त्री ( खौपालवंशज ) रामदत्त द्वारा कुलपुरोहित भवशर्मा की सहायता से प्रणीत । ले० चण्डेश्वर का प्रथम चचेरा भाई था, अतः वह १४वीं शताब्दी के पूर्वार्ध में था । षोडशमहादानविधि--- -- रामकृष्ण - पुत्र कमलाकर द्वारा । संवत्सरोत्सवकालनिर्णय-- पुरुषोत्तम द्वारा स्पष्ट है ५१) एवं शुद्धितत्त्व (२, पृ० ३२७) में हलायुधकृत माना गया है । औफ्रेट ( १, पृ० ६८१ ) ने भ्रमवश इसे शूलपाणि कृत माना है । दे० प्रक० ९५ । नो० न्यू ० ( १, पृ० ३९० ) । संवत्सरप्रयोगसार — वन्द्यघटीय जाति के नारायणपुत्र श्रीकृष्ण भट्टाचार्य द्वारा । संवत्सरोत्सवकालनिर्णय -- निर्भयराम द्वारा । दे० प्रक० १०६ । कि यह ब्रजराज की पद्धति को स्पष्ट करने के लिए प्रणीत हुआ है। गद्य में, ड० का० पाण्डु० (सं० १७७, १८८४-८६) । १७५० ई० के पूर्व । संवर्तस्मृति - दे० प्रक० ५५ । जीवानन्द (भाग १, पृ० ५८४ - ६०३ ) एवं आनन्दाश्रम ( पृ० ४११-४२४) द्वारा प्रका० । षोडशयात्रा । षोडशसंस्कार -- आश्वलायन गृह्यसूत्र के अनुसार । षोडशसंस्कार कमलाकर द्वारा । षोडश संस्कार -- चन्द्रचूड़ द्वारा । ले० के संस्कारनिर्णय का सक्षिप्त रूप | षोडशसंस्कारपद्धति -- ( या संस्कारपद्धति) बीकानेर ( पृ० ४६३); आनन्दराम दीक्षित द्वारा । षोडशसंस्कारप्रयोग । षोडशसंस्कारसेतु -- रामेश्वर द्वारा । षोडशोपचारपूजापद्धति -- ( विष्णुपूजा के लिए) । संवत्सरकल्पलता --ब्रजराज ( वल्लभाचार्य के पुत्र विट्ठलेश के भक्त ) द्वारा । भाद्रपद की कृष्णजन्माष्टमी से आरम्भ कर अन्य उत्सवों का विवरण । ड० का० पाण्डु० (सं० २०१ ए, १८८२-८३) । संवत्सरकृत्य-- ( संवत्सरकौस्तुभ या संवत्सरदीधिति) अनन्तदेव के स्मृतिकौस्तुभ का एक भाग दे० प्रक० १०९ । संवत्सरकृत्यप्रकाश -- भास्करशर्मा के यशवन्त भास्कर का एक अश। संवत्सरकौमुदी - गोविन्दानन्द द्वारा दे० प्रक० १०१ । संवत्सरवीधिति----अनन्त देवकृत स्मृतिकौस्तुभ का एक अंश । संवत्सरनिर्णयप्रतान --- पुरुषोत्तम द्वारा । संवत्सरप्रकाश । संवत्सरप्रदीप - शूलपाणि के दुर्गोत्सवविवेक, श्राद्ध क्रियाकौमुदी, निर्णयामृत में व० एवं एकादशीतत्त्व (२, पृ० Jain Education International संस्कर्तृक्रम —— वैद्यनाथ द्वारा । सम्भवतः स्मृतिमुक्ताफल का एक अंश । संस्कारकमलाकर -- ( या संस्कारपद्धति) कमलाकर द्वारा । दे० प्रक० १०६ (बी०बी० आर० ए० एस्, पृ० २३६ एव इडि० आ०, पृ० ५१४) । संस्कारकल्पद्रुम --- सुखशंकर शुक्ल के पुत्र जगन्नाथ शुक्ल द्वारा। गणेशपूजन, संस्कार एवं स्मार्ताधान नामक तीन काण्डों में । पारस्करगृह्य के भाष्य ( वासुदेव कृत) का उ० है। २५ संस्कारों के नाम आये हैं। अलवर (उद्धरण ३६४) । संस्कारकौमुदी - यहलम्भट्ट के पुत्र गिरिभट्ट द्वारा । संस्कारकौस्तुभ -- ( या संस्कारदीधिति) अनन्तदेव के स्मृतिकौस्तुभ का अंश । दे० प्रक० १०९ ( मराठी अनुवाद के साथ निर्णय० एवं बड़ोदा में प्रका० ) । संस्कारगंगाधर -- (या घरी ) गंगाधर दीक्षित द्वारा । गर्भाधान, चौल, व्रतबन्ध, वेदव्रतचतुष्टय, केशान्त, व्रतविसर्ग, विवाह संस्कारों पर ड० का० पाण्डु० (सं० ६१०, १८८२-८३) । संस्कारगणपति -- पारस्करगृह्यसूत्र पर रामकृष्ण द्वारा टी० । दे० 'पारस्करगृह्य' । संस्कारचन्द्रचूडी -- चन्द्रचूडकृत । देखिए 'संस्कारनिर्णय' For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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