Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 3
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 633
________________ १६२६ संस्काररत्नाकर - (पारस्करीय) । संकल्प श्राद्धप्रयोग | संस्काररत्नावलि -- प्रतिष्ठानवासी, कण्वशाखा वाले संकल्पस्मृतिदुर्गभञ्जन – नवद्वीप के चन्द्रशेखर शर्मा सिद्धभट्ट के पुत्र नृसिंहभट्ट द्वारा । द्वारा। सभी काम्य कृत्यों के आरम्भ में किये जाने संस्कारवादार्थ --- जातकर्म आदि संस्कारों के सम्यक् वाले संकल्पों के विषय में । तिथि, मास, काम्यकर्मणि कालों पर । नो० (जिल्द १, पृ० १५० ) । संकल्प, व्रत आदि चार भागों में विभाजित । नो० संस्कारविधि - - ( या गृह्यकारिका) रेणुक द्वारा । (जिल्द २, पृ० ३२९-३३० ) । संस्कारवीचि -- शेषनृसिंह द्वारा संगृहीत गोविन्दार्णव संकष्टहरचतुर्थी व्रतकालनिर्णय । का एक अंश । संकेतकौमुदी -- (सम्भवतः केवल ज्योतिषग्रन्थ) शम्भुनाथाचार्य द्वारा । संस्कारसागर -- नारायणभट्ट द्वारा ( स्थालीपाक पर ) । संस्कारसार - नृसिंहप्रसाद का एक अंश । दे० प्रक० संकेतकौमुदी -- शिव द्वारा । संकेतकौमुदी -- हरिनाथाचार्य ज्योतिस्तत्त्व में व० । संक्रान्तिकौमुदी सिद्धान्तवागीश भट्टाचार्य द्वारा; पाण्डु० (नो०, जिल्द ८, पृ० १९८ ) शक संवत् १५४० ( १६१८ ई० ) । संक्रान्तिनिर्णय- गोपाल शर्मन्यायपंचानन द्वारा; ३ भागों में । संक्रान्तिनिर्णय -- बालकृष्ण द्वारा । संक्रान्तिनिर्णय-स्मृतिमुक्ताफल का एक भाग । संक्रान्तिनिर्णय - - अज्ञात भीमपराक्रम, दीपिका, कृत्यचिन्तामणि का उ० है । संक्रान्तिविवेकशूलपाणि कृत । दे० प्रक० ९५; नो० (जिल्द ६, पृ० २०५ ) । संक्रान्तिव्यवस्थानिर्णय -- अज्ञात । नो० (जिल्द २, पृ० धर्मशास्त्र का इतिहास ९९। संस्कारसौख्य । संस्कारामृत -- दामोदर के पुत्र सिद्धेश्वर द्वारा । दे० 'संस्कारमयूख' । अपने पिता के द्वैतनिर्णयपरिशिष्ट का उल्लेख किया गया है । संस्कारोयोत -- दिनकरोद्योत का एक अंश । संस्थापद्धति - ( या संस्थावैद्यनाथ ) केशव के पुत्र, रत्नेश्वरात्मज वैद्यनाथ द्वारा। चार मानों में । अलवर (उद्धरण ६३ ) । कात्यायनगृह्य के मतानुसार आवसथ्य अग्नि में किये जाने वाले कृत्यों पर । संहितादीप -- सिद्धेश्वर के संस्कारमयूख में ब० । संहिताप्रदीप - नि० सिर में व० । ज्योतिष पर एक ग्रन्थ | संहितासारावलि -- संस्कारमयूख में वं० । संहिताहोमपद्धति -- भैरवभट्ट द्वारा (बड़ोदा, सं० ३३५ ) i सकलकर्म चिन्तामणि । सकलदानफलाधिकार । सकलदेवताप्रतिष्ठा । सकलपुराणसमुच्चय-- अल्लाड़नाथ द्वारा व० । सकलप्रमाणसंग्रह | सकलशान्तिसंग्रह | सङ्करमृततिथिनिर्णय | संकल्पकौमुदी - रामकृष्ण कृत । नो० (जिल्द ४, पृ० २२२-२३) । संकल्पचन्द्रिका - रघुनन्दन कृत । नो० ( पृ० १६६ ) । Jain Education International + ३१३)। संक्रान्तिशान्ति । संक्रान्त्युद्यापन | संक्षिप्तनिर्णयसिन्धु-- चैत्र से फाल्गुन तक के धार्मिक कृत्यों का संक्षिप्त विवेचन स्पष्ट है कि यह नि० सि० पर आवृत है । पाण्डु० ( बीकानेर, पृ० ४५४ ) की तिथि १५१४ (१५९२ ई०) भ्रामक ढंग से पढ़ी गयी है (यदि कमलाकरकृत नि० सि० की ओर संकेत है) । संक्षिप्तशास्त्रार्थपद्धति । र- रघु० के एकादशीतत्त्व में व० । संक्षिप्तसार द्वारा | रघु० द्वारा For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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