Book Title: Dharmshastra ka Itihas Part 3
Author(s): Pandurang V Kane
Publisher: Hindi Bhavan Lakhnou

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Page 583
________________ धर्मशास्त्र का इतिहास १५७६ प्रयोगरत्न -- सदाशिव के पुत्र काशीदीक्षित द्वारा । प्रयोगरत्न - - सदाशिव के पुत्र केशवदीक्षित द्वारा । प्रयोगरत्न--- (आश्वलायनीय ) रामेश्वर भट्ट के नारायण भट्ट द्वारा निर्णय० प्रेस। दे० प्रक० १०३ । पुत्र प्रयोगरत्न - - प्रेमनिधि द्वारा | प्रयोगरत्न -- ( आश्वलायन एवं शौनक के अनुसार ) नारायण भट्ट के पुत्र नृसिंहभट्ट द्वारा। भट्टोजि द्वारा चतुर्विंशतिमत व्याख्या द्वारा उ० । १५००-१६०० ई० के बीच । प्रयोगरत्न - भट्टोजि द्वारा सें० प्रा० (सं० ३१३१) । प्रयोगरत्न - (स्मार्त प्रयोगरत्न ) महादेव वैशम्पायन के पुत्र महेश द्वारा। संस्कार, शान्ति एवं श्राद्ध पर काशी में प्रणीत; श० सं० १७९८ में मुद्रित । मातृदत्त की प्रशंसा की गयी है। बड़ोदा, पाण्डु० ( संख्या १६२६) तिथि १८४४ सं० ( १७८७-८ ) । प्रयोगरत्न - महादेव द्वारा ( हिरण्यकेशीय ) । प्रयोगरत्न -- आपदेव के पुत्र वासुदेवदीक्षित द्वारा । प्रयोगरत्न - हरिहर द्वारा । प्रयोगरत्नभूषा -- रघुनाथ नवहस्त द्वारा। बी० बी० आर० ए० एस० (जिल्द २, पृ० १८५ ) । प्रयोगरत्नमाला - चौण्डप्पाचार्य द्वारा । प्रयोगरत्नमाला - - आपदेवभट्ट के पुत्र वासुदेव द्वारा, जो चित्पावन ब्राह्मण थे। विष्ण्वादिसर्वदेवप्रतिष्ठा पर । नि० सि० का उल्लेख है । १६२०- १७६० के बीच | इसका नाम वासुदेवी एवं प्रतिष्ठारत्नमाला भी है । प्रयोगरत्नमाला - पुरुषोत्तम विद्यावागीश द्वारा । प्रयोगरत्नसंस्कार --- प्रेमनिधि द्वारा । प्रयोगरत्नसंग्रह - संस्कारमयुख में व० । प्रयोगरत्नाकर -- दे० ऊपर दयाशंकरकृत प्रयोगदीप । प्रयोगरत्नाकर -- ( मैत्रायणीयों के लिए) यशवन्त भट्ट द्वारा। बड़ोदा (सं० ८३६५) । प्रयोगरत्नावली - चिदानन्द ब्रह्मेन्द्रसरस्वती के शिष्य परमानन्द घन द्वारा। सम्भवतः श्रोत कृत्यों पर । Jain Education International प्रयोगलाघव --- महादेव के पुत्र विट्ठल द्वारा । प्रयोगसंग्रह - - रामनाथ द्वारा । प्रयोगसागर -- नारायण आरड द्वारा । १६५० ई० के उपरान्त । इसे गृह्याग्निसागर भी कहा जाता है। प्रयोगसार -- विट० एवं कीथ (जिल्द २, पृ० ९७ ) । ८ काण्डों में । प्रयोगसार - नारायण के पुत्र कृष्णदेव स्मार्तवागीश द्वारा इसे कृत्यतत्त्व या संवत्सरप्रयोगसार भी कहा जाता है । प्रयोगसार-- . (बौधायनीय) केशवस्वामी द्वारा । वैदिक यज्ञों पर । नारायण एवं भवस्वामी के नाम आये हैं, त्रिकाण्डमण्डन द्वारा व० है । लग० ११०० ई० । प्रयोगसार -- ( आपस्तम्बीय ) गंगाभट्ट द्वारा । प्रयोगसार -- ( कात्यायनीय ) बलभद्र के पुत्र देवभद्र पाठक द्वारा। गंगाधर पाठक, भर्तृयज्ञ, वासुदेव, रेणु, कर्क, हरिस्वामी, माधव, पद्मनाभ, गदाधर, हरिहर, रामपद्धति ( अनन्तकृत ) का उल्लेख है । श्रत सम्बन्धी विषयों पर विवेचन है। प्रयोगसार -- लक्ष्मीधर के पुत्र नारायण द्वारा । यह गृह्याग्निसागर एवं प्रयोगसागर ही है। प्रयोगसार -- निजानन्द द्वारा । प्रयोगसार -- गोकुल ग्राम में रहनेवाले दाक्षिणात्य बाल कृष्ण द्वारा । प्रयोगसार - दिनकर के पुत्र विश्वेश्वर भट्ट (उर्फ गागा भट्ट) द्वारा | पुण्याहवाचन, गणपतिपूजन आदि पर । प्रयोगसार -- शिवप्रसाद द्वारा । प्रयोगसारावलि - धर्मप्रवृत्ति में उल्लिखित । प्रयोगसारपीयूष – कुमारस्वामी विष्णु द्वारा । परिभाषा, संस्कार, आह्निक, प्रायश्चित्त पर । प्रयोगसारसमुच्चय । प्रयोगादर्श - मौद्गल गोत्र के वैद्यनाथ- पुत्र कनकसभापति द्वारा । यह लेखक की कारिकामञ्जरी पर टी० है । प्रवरकाण्ड (आश्वलायनीय) गोत्रप्रवरनिबन्ध कदम्बक में पी० चेन्तसालराव द्वारा मुद्रित ( मैसूर, १९००) । टी० नारायण द्वारा । For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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