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धर्मशास्त्र का इतिहास दर्शनिर्णय-सरस्वतीवल्लभ के पुत्र रंगनाथात्मज दशनिर्णय-(उपवास एवं उत्सवों पर) प्रयोगचन्द्रिका वेंकटनाथ वैदिकसार्वभौम द्वारा। जयन्तीनिर्णय, में व०। एकादशोनिर्गय आदि विषयों पर। सम्भवतः यह दशपुत्राह्निक-दशपुत्र कुल के प्रभाकर-पुत्र आनन्द लेखक के स्मृतिरत्नाकर का एक अंश है। नो० द्वारा। (जिल्द ८, पृ० १४)। स्मृतिचन्द्रिका, कालनिर्णय, दशमुखकोटिहोमप्रयोग-देवभद्र पाठक द्वारा (बड़ोदा, अखण्डादर्श का उल्लेख है।
स० १०९६३)। वर्शधार-विश्वनाथ होसिंग के पुत्र रामभट्ट द्वारा। शविषविप्रपद्धति। . वर्शश्रावपति-रघुनाथ कृत। हेमाद्रि के ग्रन्थ पर दशश्लोकी--(विज्ञानेश्वर की कही गयो है) अशीच आधृत।
पर। यह उपर्युक्त आशौचदशक ही है। टी. वर्शधायप्रयोग-भट्ट गोविन्द द्वारा (बड़ोदा, सं० लक्ष्मोधर के पुत्र भट्टोजि द्वारा। हुल्श (३, पृ० १६७७, तिथि शक १६८०)।
१०१) में भट्टोजि का कथन वणित है 'विज्ञानेश्वरवर्शश्रादप्रयोग-शिवराम द्वारा।
मदनपारिजातकारविंशच्छलोकीकार प्रभतयस्तू ब्राह्मवर्शसञ्चिका।
णस्य वैश्यानुगमने पक्षिणीत्याहुः', जिससे प्रकट वशकर्मदीपिका--(या पद्धति) पशपति द्वारा (काण्व होता है कि उन्होंने त्रिशच्छलोकी के लेखक को
यजर्वेदियों के लिए)। लेखक हलायध का ज्येष्ठ विज्ञानेश्वर से भिन्न माना है। भाई एवं बंगाल के राजा लक्ष्मणसेन का पण्डित था, दशसंस्कारपद्धति-यह गर्भाधानादिदशसंस्कारपद्धति है। अतः तिथि लग० ११६८-१२००ई० है।
दशसंस्कारप्रकरण। शकर्मपदति-ऋग्वेदियों के लिए (गर्भावान आदि दशादिकालनिर्णय। पर) महामहोपाध्याय कालेसि द्वारा। नो० (जिल्द दशाहकर्म। २, पृ० ६१)।
दशाहविवाह--वंद्यनाथ दीक्षित द्वारा। क्शकर्मपद्धति-हरिशंकर के पुत्र गणपति द्वारा। दानकमलाकर-कमलाकर भट्ट द्वारा। दे० प्रक० बशकर्मपदति--नारायण भट्ट द्वारा। वशकर्मपति-पृथ्वीधर द्वारा।
दानकल्प---अहल्याकामधेनु में उ०। वशकर्मपद्धति-भवदेव भट्ट द्वारा। इसका नाम दशकर्म- दानकल्पतरु-लक्ष्मीधर कृत (कल्पतरु का एक भाग)। दोपिका या कर्मानुष्ठानपद्धति भी है। छन्दोग- दे० प्रक० ७७ ।
शाखा के अनुसार। दे० प्रक० ७३। दानकाण्डपर्व--प्रतापराज साम्बाजी द्वारा ('परशुरामवशकर्मपद्धति--वाजसनेयियों के लिए रामदत्त मंथिल प्रताप' से)।
द्वारा। यह 'गर्भावानादिदशसस्कारपद्धति' ही है। दानकाण्डसंक्षेप।। वशकर्मव्याख्या-हलायुध द्वारा (ब्राह्मणसर्वस्व का दानकौतुक-'हरिवंशविलास' (नन्दपण्डित कृत) से एक भाग)।
उद्धत। दशकालनिर्णय।
दानकौमुदी--रामजय तर्कालंकार द्वारा। वशषेनुदानपद्धति--(या विधि) हेमाद्रि के दानखण्ड दानकौमुदी--(या दानक्रियाकौमुदी) गोविन्दानन्द द्वारा का एक भाग।
(लग० १५००-१५४० ई.)। लेखक को श्राद्धवशनिर्णय-रङ्गनाथ के पुत्र वेंकटनाथ वैदिकसार्वभौम क्रियाकौमुदी में व० । दे० प्रक० १०७; बिब्लि. द्वारा।
इण्डि० सी० में प्रका।
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