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प्रभुश्रीराजेन्द्रसूरीश्वरेभ्यो नमः ॥
श्रीदेवसियराइयपडिक्कमणसूत्र |
१. परमेष्ठिमन्त्र-सूत्रम् ।
नमो अरिहंताणं- अष्टकर्म को जीतनेवाले अरिहन्त भगवन्तों को नमस्कार हो ।
नमो सिद्धाणं - सिद्ध भगवन्तों को नमस्कार हो । नमो आयरियाणं- पंचाचार पालन करनेवाले ३६ गुणयुक्त आचार्य भगवन्तों को नमस्कार हो । नमो उवज्झायाणं- द्वादशाङ्गी के सूत्रार्थ को पढ़ानेवाले उपाध्याय भगवन्तों को नमस्कार हो ।
नमो लोए सव्वसाहूणं-ढाई द्वीप रूप मनुष्यक्षेत्र में विचरनेवाले, कंचन कामिनी के त्यागी, पंचर महाव्रतों के पालक समस्त साधुमहाराजों को नमस्कार हो ।
एसो पंचनमुक्कारो -- इन पाचों को किया हुआ
नमस्कार
सव्वपावप्पणासणो- सर्व पापों का नाश करनेवाला है । मंगलाणं च सव्वेसिं-- और समस्त मंगलों में
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