Book Title: Anuyogdwar Sutram
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust

View full book text
Previous | Next

Page 316
________________ श्रीअनुयोगद्वारंमलधारि श्रीहेमचन्द्रसूरिवृत्तियुतम्। // 294 // [1] उपक्रमः / शा० उपक्रमः। 1.3 प्रमाणम्। द्रव्यादिचतुर्भेदाः सूत्रम 384-391 पुच्छा) जाव गो०! जह(नेणवि) अंतो० उक्को(सेणवि) अंतो०। पज्जत्तयाणं(चउरिंदिआणं पुच्छा) जाव गो०! जह(नेणं) अं० उक्को० छम्मासा अंतोमुहुत्तूणा // सूत्रम् 386 // (१)पंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं (भंते! केवल० पं०?) जाव गो०! जह० अंतोमुहत्तं उक्को तिण्णि पलिओवमाई, (2) जलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं (भंते! केवइयंकालं ठिई पं०?) जाव गो०! जहन्नेणं अंतो० उक्को० पुव्वकोडी। सम्मुच्छिमजलयरपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं जावगोतमा! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी। अपज्जत्तयसंमुच्छिमजूलयरपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं(पुच्छा) जाव गो०! जहन्नेणवि अंतो० उक्कोसेणवि अंतो० / पज्जत्तयसंमुच्छिमजूलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं (पुच्छा), जाव गो०! जह० अंतो० उक्को० पुव्वकोडी अंतोमुहुत्तूणा / गब्भवक्वंतियजलयूरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं(पुच्छा), जाव गो०! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी। अपजत्तयगब्भवक्वंतियूजलयरपंचेदियतिरिक्खजोणियाणं(पुच्छा), जाव गो०! जहन्नेणवि अंतो० उक्कोसेणवि अंतो० / पजत्तयगब्भवक्कंतियजलयूरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं(पुच्छा), जाव गो०! जहन्नेणं अंतोमुहत्तं उक्कोसेणं पुव्वकोडी अंतोमुत्तूणा / (3) चउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं(पुच्छा), भंते! केवतिकालं ठिती पन्नत्ता? गो०! जह० अंतो० उक्को तिण्णि पलिओवमाई। समुच्छिमचउप्पयथलयरपंचेंदियतिरिक्खजोणियाणं जाव गो०! जहं० अंतो० उक्को० चउरासीति वाससहस्साई। अपूजत्तयसंमुच्छिमचउप्पयथलयरपंचेंदिय० जाव गो०? जहं० अंतो० उक्कोसेणवि० अंतो० / पज्जत्तयसमुच्छिमचउप्पूयथलयरपंचेंदिय० जाव गो०! जहं० अंतो० उक्को० चउरासीति वाससहस्साई अंतोमुहत्तूणाई। गब्भवक्कंतियचउप्पयथलयरपंचेंदिय० जाव गो०! जह० अंतो० उक्को० तिण्णि पलिओवमाई। अपज्जत्तयगब्भवक्कंतियचउप्पयOगा।0 ग। 0 चिं। 0 इमानि चत्वारि पदानि न वर्तन्ते। ...पुच्छा गो०' इति वर्तते। 7 इं। कालप्रमाणम्। 1.3.3.2 विभा०नि० औप० काल:। 1.3.3.2.1-2 ii.अद्धापल्योपम सागरोपमयोरसुरकुमारादिशेष दण्डकानामायु:स्थिति द्वारेण कथनम्। // 294 //

Loading...

Page Navigation
1 ... 314 315 316 317 318 319 320 321 322 323 324 325 326 327 328 329 330 331 332 333 334 335 336 337 338 339 340 341 342 343 344 345 346 347 348 349 350 351 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450