Book Title: Anuyogdwar Sutram
Author(s): Divyakirtivijay
Publisher: Shripalnagar Jain Shwetambar Murtipujak Derasar Trust
View full book text
________________ श्रीअनुयोग श्रीहेमचन्द्रसूरि वृत्तियुतम्। // 353 // स्तव्यतिरेकेण नोपलभ्यते / अथ द्वितीयो विकल्प:स्वीक्रियते तर्हि तत्रापि देशेऽनेन वर्तितव्यम् / ततः पुनरपि विकल्पद्वयम्, किं सर्वात्मना वर्तते देशात्मना वेति? सर्वात्मपक्षे देशिनो देशरूपतापत्तिः, देशात्मपक्षेतु पुनस्तत्रापि देशे देशिना वर्तितव्यम्। ततः पुनरपितदेव विकल्पद्वयं तदेव दूषणमित्यनवस्था। तस्मात्सर्वोऽपि स्वस्वभाव एव निवसति, तत्परित्यागेनान्यत्र निवासे तस्य निःस्वभावताप्रसङ्गादित्यलं बहुभाषितया। से तमित्यादि निगमनम् // 475 // सेकिंतं पदेसदिटुंतेणं?, २णेगमो भणति, छण्हं पदेसो, तंजहा- धम्मपदेसो अधम्मपदेसो आगासपदेसो जीवपदेसोखंधपदेसो देसपदेसो। एवं वयं णेगमं संगहो भणइ, जं भणसि, छण्हं पदेसो तण्ण भवइ, कम्हा?, जम्हा जो सो देसपदेसो सो तस्सेव दव्वस्स, जहा को दिटुंतो?, दासेण मे खरो कीओ, दासोऽवि मे खरोऽवि मे, तंमा भणाहि, छण्हं पदेसो, भणाहि पंचण्हं पदेसो, तंजहा-धम्मपदेसो अहम्मपएसो आगासपदेसो जीवपदेसोखंधपदेसो। एवं वयंतं संगहं ववहारो भणइ, जंभणसि, पंचण्हं पएसो, तंण भवइ, कुम्हा?, जइ जहा पंचण्हं गोट्ठियाणं पुरिसाणं) केइ दव्वजाए सामण्णे (भवइ), तंजहा, हिरण्णे वा सुवण्णे वा धणे वा धण्णेवा, (तंनते)तो जुत्तं वत्तुंजहा पंचण्हंपएसो, तंमा भणाहि, पंचण्हं पएसो, भणाहि, पंचविहो पएसो, तंजहा- धम्मपदेसो अहम्मपदेसो आगासपदेसो जीवपदेसोखंधपदेसो, एवं वदंतं ववहारं उजुसुओ भणति, जंभणसि-पंचविहो पएसो, तं न भवइ, कम्हा?, जइ ते पंचविहो पएसो एवं ते एक्कोक्को पएसो पंचविहो एवं ते पणुवीसतिविहो पदेसो भवति, तंमा भणाहि, पंचविहो पएसो, भणाहि, भतियव्वोपदेसो, सिया धम्मपदेसो सिया अधम्मपदेसो सिया आगासपदेसो सिया जीवपदेसो सियां खंधपदेसो। एवं वयंतं उज्जुसुयं संपति सद्दणओभणति, जंभणसि भइयव्वोपदेसो, तंन भवति, कम्हा?, जइते भइयव्वोपदेसो एवं ते धम्मपदेसो ®नोपलभ्येत। ®तं न। 0 सो', इति नास्ति। ध। 9 कौंसातर्गतो पाठो मुद्रित प्रतौ। Oणि। 7 यं। @ण।७ जइ ते भइयव्वो..१..२.३..४... [1] उपक्रमः। शा० उपक्रमः। 1.3 प्रमाणम्। द्रव्यादिचतुर्भेदाः सूत्रम् 476 1.3.4 भावप्रमाणमा 1.3.4.1 गुण प्र०। 1.3.4.1.2 नयभावप्रमाणम्। प्रस्थकदृष्टान्तेन निरूपणम् / // 353 //

Page Navigation
1 ... 373 374 375 376 377 378 379 380 381 382 383 384 385 386 387 388 389 390 391 392 393 394 395 396 397 398 399 400 401 402 403 404 405 406 407 408 409 410 411 412 413 414 415 416 417 418 419 420 421 422 423 424 425 426 427 428 429 430 431 432 433 434 435 436 437 438 439 440 441 442 443 444 445 446 447 448 449 450