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वीर सेवा मन्दिर का प्रैमासिक
अनेकान्त
(पत्र-प्रवर्तक : प्राचार्य जुगल किशोर मुख्तार 'युगवीर') वर्ष २: कि०२
अप्रैल-जून १९८९
इस अंक मेंक्रम
विषय १. अध्यात्म-पद २. कुन्दकन्दाचार्य-डा. ज्योतिषसाद जैन ३. श्रुतदेवता की मूर्तियां खंडित होने से बचायें
___ --डा० गोकुल चंद जैन ४. आ० कुन्दकुन्द और उनकी साहित्य सृजन मे दृष्टि
-डा. कमलेश कुमार जैन ५. अमृत-कण-श्री शील चन्द्र जौहरी ६. आ० कुन्दकुन्द का अप्रकाशित साहित्य
-डॉ. कस्तूरचन्द काशलीवाल ७. बूद बूद रीते जैसे अजुलि को जल है
-श्री शान्तीलाल जैन कागजी ६. महाकवि बनारसीदास की रस-विषयक अवधारणा
-डॉ० प्रादित्य प्रचिण्डया 'दीति' ६. परमात्म प्रकाश एव गीता में आत्मतत्व
-डॉ. कपूर चन्द जैन, सस्कृत विभागाध्यक्ष १०. दिगम्बर मुनियो की जीवन चर्या । -कुमारी विभा जैन, एम. ए. शोध छात्रा ११. षखंडागम और गोम्मटसार
-श्री एम. एल. जैन, नई दिल्ली १२. सल्लेखना और समाधि मरण
-डॉ. दरबारी लाल कोठिया १३. समाज और जैन विद्वान्-श्री पवन्द्र शास्त्री, नई दिल्ली ३१
प्रकाशक:
वीर सेवा मन्दिर, २१ दरियागंज, नई दिल्ली-२