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तुम, और तुम्हारा यह धन किस खेत की मूली है ? कितनी गहरी है इसकी । जड़? सोचो, एक बार फिर सोचो ! .. कितनी सी नींद ! और कितना-सा सपना? चार दिन की जिन्दगी ! फिर लाखों वर्ष का सरंजाम, किसके लिए है?
जहाँ सोना है, वहाँ रोना है। जहाँ मजा है वहाँ कज़ा (मृत्यु) है। जागो ! उठो !! और जीवन की लड़ाई लड़ो !
दुनिया के हर मज़े पर लात मारने वाला ही एक दिन कज़ा पर (मृत्यु पर) विजय पा सकता है।
संसार में तीन तरह के मुर्दे हैं;-एक प्राण शून्य; दूसरे ज्ञान शून्य, और तीसरे आचरण शून्य।
प्राण शून्य मुर्दे जला दिए जाते हैं, बस बात खत्म हुई । परन्तु ज्ञान शून्य और आचरण शून्य मुर्दे संसार की छाती पर डंड पेल रहे हैं, जिनके कारण संसार हैरान है, परेशान है।
देखिए, यह एक स्त्री अपनी पड़ौसिन स्त्री से लड़ रही है। गला फाड़-फाड़ कर चिल्ला रही है। इसका मुँह विकराल है, आँखें लाल हैं ! होंठ सूज रहे हैं, शरीर तीव्र वेग से कँप रहा है। पूरे घर को और पड़ोसियों को बेचैन कर रखा है। सर्वत्र अशान्ति और जहरीली हवा छा रही है।
वह सामने इसकी पड़ोसिन है, शान्ति और प्रेम की मूर्ति । उसके चेहरे की प्रसन्नता और हँसी की एक रेखा सारे घर को हँसा रही है। स्नेह से सने हुए उसके शब्द घर में संगीत से गूंज रहे हैं । सर्वत्र शान्ति और आनन्द है।
पहली क्रोध की प्रार्थना करती है, दूसरी प्रेम की। पहली अपने निकट वालों को क्रोध से भजती है। दूसरी अपने परिवार को स्नेह से भजती है।
पहली जहर उगलती है। दूसरी अमृत बरसाती है।
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अमर डायरी
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