________________
Atmānusāsana
आत्मानुशासन
The deluded man gets a sense of satisfaction while he rages the fire of his cravings by feeding it with the faggot of wealth.
पलितच्छलेन देहान्निर्गच्छति शुद्धिरेव तव बुद्धेः । कथमिव परलोकार्थं जरी वराकस्तदा स्मरति ॥८६॥
अर्थ - हे भव्य! बालों की धवलता के मिष (छल) से तेरी बुद्धि की निर्मलता ही शरीर से निकलती जा रही है। ऐसी अवस्था में बिचारा वृद्ध उस समय परभव में हित करने वाले कार्यों का कैसे स्मरण कर सकता है? अर्थात् नहीं कर सकता है।
O soul! As your hair is graying, it seems, the purity of your intellect is leaving your body. In this state of affairs, how can a pitiable old man remember his duties for the welfare of his next life?
इष्टार्थोद्यदनाशितं भवसुखक्षाराम्भसि प्रस्फुरन्नानामानसदुःखवाडवशिखासंदीपिताभ्यन्तरे । मृत्यूत्पत्तिजरातरङ्गचपले संसारघोरार्णवे मोहग्राहविदारितास्यविवरादूरे चरा दुर्लभाः ॥८७॥
१ पाठान्तर - इष्टार्थाद्यदवाप्ततद्भवसुखेक्षाराम्भसि
.......................
72