Book Title: Siddha Saraswat
Author(s): Sudarshanlal Jain
Publisher: Abhinandan Granth Prakashan Samiti

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Page 17
________________ (घ) परिवार और रिश्तेदारों की कलम से - 187. विवाहोपरान्त पति के साथ जीवन यात्रा - डॉ. मनोरमा जैन, भोपाल 188. मेरे सबसे अच्छे माता-पिता - डॉ. सन्दीप कुमार जैन, अमेरिका 189. My Father is Respectable Personality - श्री संजय कुमार जैन, अमेरिका 190. सबसे अच्छे मम्मी-पापा - श्री अभिषेक कुमार जैन, मुम्बई 191. A Nobel Personality - डॉ. मनीषा जैन, भोपाल 192. माता-पिता तुल्य मेरे सास-ससुर - श्रीमती अर्चना जैन, अमेरिका 193. My Father-in-law is an Example of the Hard work-डॉ. आरती जैन, आमेरिका 194. मेरे सास-ससुर मेरे माता-पिता - श्रीमती नीलू जैन, मुंबई 195. पण्डितप्रवर सुदर्शन लाल जी जयवन्त रहें - श्री जिनेश्वर कुमार जैन, कोरबा 196. आदरणीय सावजी साहब को बधाई - श्री संतोष कुमार जैन, शहडोल हिमगिरि सम उन्नत ललाट - श्री नन्दन लाल शास्त्री, जबलपुर 198. संस्कृत-प्राकृत के पुरोधा मेरे अपने मामा जी - श्री सुशील कुमार जैन, जबलपुर 199. हर्ष एवं गर्व की अनुभूति - प्रमोद जैन, जबलपुर 200. My most memorable visit to my Dadaji's (Dean's)Office- कु. अर्चिता जैन, अमेरिका 201. Dadaji is still in touch with his inner child - कु. संजिता जैन, अमेरिका 202. Discipline Nature - श्री ऋषभ जैन, पूना 197. द्वितीय सोपान : स्व जीवन वृत्त (मैं कौन हूँ) प्रारम्भिक संस्मरण पृ.संख्या [पूर्वज (), शाहगढ़ से दमोह आगमन (), मेरी अध्ययन-अध्यापन यात्रा (), सेवानिवृत्ति के बाद (), पिता स्व. श्री सिद्धेलाल जैन की वंशावली (), मेरे माता-पिता की जीवन यात्रा (), पिता जी द्वारा अपनी बहिन, भाई और स्वयं का विवाह (), पिता जी की सन्तानें उनका जन्म और माता जी का स्वर्गवास (), बेटियों का तथा मेरा विवाह (O] डीन के रूप में कार्य संस्कृत विभागाध्यक्ष के रूप में कार्य डायरेक्टर के रूप में कार्य अ.भा.दि.जैन विद्वत्परिषद् के मंत्री के रूप में कार्य प्रमुख घटनाएँ _ [कैसे जीवन की दिशा बदली (), भक्तामर का चमत्कार (), विपरीत दिशा की ट्रेन में बैठा (), देवदूत आया (), ट्रेन यात्री के पैसे टी.टी. से वापिस दिलवाए (), टी.टी. से पत्नी के पैसे वापिस दिलवाए (), परीक्षा के दौरान गुंडे की धमकी (), परीक्षा सम्बन्धी अन्य घटना (), विश्वविद्यालय को अनिश्चितकालीन बन्दी से बचाया (), चीफ प्राक्टर को छात्रावास में फोर्स के साथ आने से रोका (), अध्यापक को छात्रहित में समझाया (), छात्रों द्वारा सम्मान (), मीटिंग में पुनः जाकर छात्र को डिग्री दिलवाई (), प्रवेश-प्रक्रिया में एक अध्यापिका का अडंगा (), विभागीय कुछ अध्यापकों के विरोध से विभिन्न विषयों का ज्ञाता बना (), सेवानिवृत्ति पर नो ड्यूज कुलपति द्वारा (), रात्रि भोजन त्याग का फल (), जीवन की दिशा बदलने वाले निमित्त ()] अन्य घटनाएँ [गंगा नदी में कूदा (), साइकिल दुर्घटना (), बस दुर्घटना (), झूठे मारपीट के केस में फंसाया (), पुत्र ने डकैतों का सामना किया (), पुत्री की ट्रेन बीच में रद्द हुई (),चोरी का धन वापस पाया (), बीमारियाँ - मोतीझरा, छोटी बड़ी माता, हाईड्रोसिल ऑपरेसन स्कूटर एक्सीडेंट, हृदय की वायपास सर्जरी, मोतियाबिन्द आपरेशन, साईटिका आदि (), पुत्र, पिता जी तथा सासु जी के आपरेशन आदि कराए (), सास को अपनी माँ मानकर उनकी सेवा की और रक्तदान किया (O] XVII

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