________________ 152. 153. 159. 160. 148. निष्पही दृढ सिद्धान्तवादी - इंजि. दिनेश जैन, भोपाल 149. अभिनन्दनीय व्यक्तित्व - डॉ. सर्वज्ञदेव जैन भोपाल 150. वन्दनीय पं. जी - श्री नील चौधरी एडवोकेट, भोपाल 151. सरस्वती एवं सरलता का विरल संगम - श्री राजीव जैन, भोपाल आदर्श पुरुष - ई. विवेक चौधरी, भोपाल जैनदर्शन के अधिकारी विद्वान् - पं. सुरेश जैन, मारौरा 154. यशस्वी व्यक्तित्व - प्राचार्य पं. वर्द्धमान कुमार जैन सोरया, टीकमगढ़ 155. गौरव गरिमा के प्रतीक - डॉ. अरहंत शरण जैन, बिलासपुर 156. संस्कारवान् पत्नी के सहभागी - श्रीमती मिली जैन, भोपाल 157. मेरे दादा गुरु डॉ. सुदर्शन लाल जी - श्रीमती मीना जैन, उदयपुर 158. अविस्मरणीय संस्मरण - डॉ. मुकेश जैन, कलकत्ता आने वाला कल भी गायेगा पं. जी की गाथा - पं. मुन्नालाल शास्त्री, गंजबासोदा विद्वानों के निर्माता - डॉ. मुकेश जैन 'विमल' दिल्ली 161. विद्वज्जगत् में सर्वोपरि प्रतिष्ठा - डॉ. संजय जैन, भोपाल 162. निष्काम निर्लोभवृत्ति - डॉ. नीरजाकान्त पाण्डेय, मीरजापुर 163. हमारे सहपाठी आज भी सरल प्रकृति हैं - श्री नेमीचन्द जैन भोपाल 164. श्रुतसेवक विद्वान् मनीषी - कवि चन्द्रसेन जैन, भोपाल 165. जिनवाणी के सिद्धान्तों से समझौता अस्वीकार - श्री अजय ज्योतिषी, भोपाल 166. प्रतिष्ठा, उपासना और विद्यानुराग प्रेमी - श्रीमती डॉ. शोभा मिश्रा, लखनऊ 167. बुंदेलखण्ड की महान् विभूति - डॉ. मनीष कुमार जैन, वाराणसी 168. अनुकरणीय व्यक्तित्व - श्री प्रभात कुमार जैन, भोपाल 169. ज्ञान ज्योति दिनकर का अभिनन्दन - डॉ. अरहन्त शरण जैन, बिलासपुर 170. विद्याव्यसनी - श्रीमती गजरादेवी जैन, टीकमगढ़ पिता की छवि देखी - डॉ. प्रियङ्का, इलाहाबाद 172. जैन आगमों के गूढ रहस्यों के उद्घाटक - श्री विनोद जैन, भोपाल 173. जिनवाणी के गहन अध्येता - कु. सपना जैन, 174. वात्सल्य मूर्ति मनीषी - श्री अरुण जैन, भोपाल श्रुताराधक का अभिनन्दन - श्री पद्मचन्द्र जैन, जैननगर, भोपाल (ग) अध्ययन-अध्यापन काल में प्राप्त हमारे स्मृतिशेष गुरुजनों के आशीर्वाद - 175. Keen sense of responsibility - प्रो. सिद्धेश्वर भट्टाचार्य, बी.एच.यू. 176. Devoted to his studies - डॉ. डी.सी. गुहा, बी.एच.यू. 177. Devoted to his studies - प्रो. एन. के. तेलङ्ग, बी.एच.यू. 178. अध्ययन प्रिय एवं समाज सेवी - प्रो. वीरेन्द्र कुमार वर्मा, बी.एच.यू. 179. Intelligent and Promissing Person - प्रो. वीरमणि प्रसाद उपाध्याय, बी.एच.यू Studied Indian and European Philosophy- प्रो. आर.आर. द्रविड, बी.एच.यू. 181. विनम्र, होनहार और अध्यवसायी - पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री, स्याद्वाद महाविद्यालय बुद्धिमान् एवं विनयशील - पं. दरबारी लाल कोठिया, बी.एच.यू. 183. विषय-प्रतिपादन शैली उत्तम - पं. हीरावल्लभ शास्त्री, बी.एच.यू. 184. विद्वान् भी मुग्ध हो जाते हैं - पं. मूलशङ्कर शास्त्री, बी.एच.यू. 185. सरल और विद्या व्यसनी स्वभाव - पं. पी.एन. पट्टाभिरामशास्त्री, सं.सं.वि.वि.वाराणसी 186. न केवलं नाम्ना सुदर्शन: - पं. महादेवशास्त्री, बी.एच.यू. 180. Sius 182. XVI