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छक्खंडागमे वग्गणा - खंड
१०-बाद
समोदा कम्पाणि केवचिरं कालादो होंति ? णाणाजीवं पडुच्च सव्वद्धा । एगजीवं पडुच्च जहणेण खुद्दाभवग्गहणं । उक्कस्सेण असंखेज्जा लोगा । बादरपुढवि ० रआउ०- बादरतेउ० ० बादरवाउ०- बादरवणप्फ दिपत्तेयसरोर-- बादरणिगोदपदिट्टिदाणं पओअकस्म· समोदाणकम्माणि केवचिरं कालादो होंति ? णाणाजीवं पडुच्च सव्वद्धा । एगजीवं पडुच्च जहणेण खुद्दाभवग्गहणं । उक्कस्सेण कम्पट्ठिदी । तेसि चेव पज्जताणं पओअकम्म-समोदाणकम्माणि केवचिरं कालादो होंति ? णाणाजीवं पडुच्च सब्वद्धा । एगजीवं पडुच्च जहणणेण अंतोमुहुत्तं । उक्कस्सेण संखेज्जाणि वस्तसहसाणि । तेसि चेव अपज्जत्ताणं पओअकम्म समोदाणकम्माणि केवचिरं कालादो होंति ? णाणाजीवं पडुच्च सव्वद्धा । एगजीवं पडुच्च जहणेण खुद्दाभवग्गहणं । उक्कस्से अंतोमुहुत्तं । एवं सुहुमअपज्जत्ताणं । सुहुमपज्जत्ताणं पि एव चेव । गवरि एगजीवं पडुच्च जहण्णेण वि अंतोमुहुत्तं । वणव्कदिकाइयाणं पओअकम्म-समोदाणकम्माणि केवचिरं कालादो होंति ? जाणाजीव पडुच्च सव्वद्धा , एगजीवं पडुच्च जहणेण खुद्दाभवग्गणं । उक्कस्सेण अणंतकालमसंखेज्जा पोग्गलपरियट्टा । निगोदाणं पओअकम्म-समोदाणकम्माणि केवचिरं कालादो होंति? णाणाजीवं पडुच्च सव्वद्धा । एगजीवं पडुच्च जहण्णेण खुद्दाभवग्गहणं । उक्कस्सेण अड्डाइज्जपोग्गल परियट्टा । बादरणिगोदाणं पओअकम्म-समोदाग कस्माणि केवचिरं कालादो होंति ? णाणाजीव अपेक्षा सबं काल है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल क्षुद्रक भवग्रहणप्रमाण है और उत्कृष्ट काल असंख्यात लोकप्रमाण है । बादर पृथिवीकायिक, बादर जलकायिक, बादर अग्निकायिक, बादर वायुकायिक, बादर वनस्पतिकायिक प्रत्येकशरीर और बादर निगोदप्रतिष्ठित जीवोंके प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका कितना काल है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा सब काल है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल क्षुद्रक भवग्रहण प्रमाण है और उत्कृष्ट काल कमस्थितिप्रमाण है । उन्ही पर्याप्त जीवोंके प्रयोगकर्म और समवधानकमका कितना काल है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा सब काल है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल अन्तर्मुहूर्त है । उत्कृष्ट काल संख्यात हजार वर्ष है । उन्हीं अपर्याप्त जीवोंके प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका कितना काल है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा सब काल है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल क्षुद्रक भवग्रहणप्रमाण है और उत्कृष्ट काल अन्तर्मुहूर्त है । इसी प्रकार सूक्ष्म अपर्याप्तकों के जानना चाहिए। सूक्ष्म पर्याप्तकों के भी इसी प्रकार ही जानना चाहिए इतनी विशेषता है कि इनके एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल भी अन्तर्मुहूर्त है । वनस्पतिकायिक जीवोंके प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका कितना काल है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा सब काल है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल क्षुद्रक भवग्रहप्रमाण है और उत्कृष्ट अनन्त काल है जो असंख्यात पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण है । निगोदजीवोंके प्रयोगकर्म और समवधानकर्मका कितना काल है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा सब काल है । एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल क्षुद्रक भवग्रहणप्रमाण है और उत्कृष्ट काल अढाई पुद्गलपरिवर्तन प्रमाण है। दादर निगोदजीवोंके प्रयोगकर्म और समवधानकर्म का कितना काल है ? नाना जीवोंकी अपेक्षा सब काल है। एक जीवकी अपेक्षा जघन्य काल क्षुद्रक भवग्रहण
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