Book Title: Shatkhandagama Pustak 13
Author(s): Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 449
________________ २० ) परिशिष्ट पृष्ठ एक ३३२ ३ औ ३ कीर पृष्ठ शब्द शब्द कर्मक्षेत्रविधान कालद्रव्यानुभाग ३४९ २३६ कर्मगतिविधान कालयुति ३४९ एकक्षेत्र ६. २९२, २९५ कर्मद्रव्यविधान कालसप्रयुक्त एकक्षेत्रस्पर्श ३ ६, १६ | कमन | कर्मनयविभाषणता काशी ३३५ एकत्ववितर्कअवीचार ७९ कर्मनामविधान काष्ठकर्म ९.४१, २०२ एकविध २३७ कर्मनिक्षेप कालाणु एकेन्द्रियजातिनाम ३६७ कर्मपरिमाणविधान कालानुगम १०७ किनर एषण ५ कर्मप्रकृति २०४, २०५, ३९१ किंपुरुष कर्मप्रत्ययविधान ३८ २२३ औदारिकशरी कर्मभागाभागविधान , कीलितसंहनन ३६९, ३७० पाङ्ग ३६९ कर्मभावविधान कुडव औदारिकशरीरनाम ३६७ कर्मसन्निकर्षविधान कब्जकशरीरसंस्थाननाम ३६८ औदारिकशरीरबंधननाम ३६७ | कर्मस्पर्श कुभाषा २२२ औदारिकशरीरबंधस्पर्श | कर्मानुयोग ३७ कुरुक २२२ कर्वट ३३५ औदारिकशरीरसंघातकर्वटविनाश ३३२,३३५,३४१ | कूट ५,३४ नाम कल ३४६, ३४९ कृत ३४६, ३५० कलश २९७ कृष्टि ८५ कलिंग कटकनाम ३७० कृष्णवर्णनाम ३७० कणभक्ष कवल २८८ केवलज्ञान २१२, २४५ कन्दक कषाय | केवलज्ञानावरणीय २०९,२१३ कपाट कषायनाम केवलदर्शन ३५५ कपिल कषायवेदनीय ३५९ ३६० | कोटि ३१५ करुणा ३६१ | कायक्लेश कोष्ठा २४३ कर्कशनाम ३७० | कायप्रयोग क्रिया कर्कशस्पर्श २४ कायोत्सर्ग क्रियाकर्म ३८, ८८ कर्म ३७, ३२८ कार्मणशरीर क्रोधसंज्वलन कर्मअनन्तरविधान ३८ कार्मणशरीरबंधननाम ३६७ २९८, २९९ कर्मअल्पबहुत्व ३८| कार्मणशरीरबंधस्पर्श ३० क्षिप्रप्रत्यय २३७ कर्मकर्मविधान कार्मणशरीरसंघातनाम ३६७ क्षेत्र ६, ९१, ३३८ कर्मकारक २७९ / काल ९१, ३०८. ३०९ क्षेत्रत्व कर्मकालविधान ३८| कालद्रव्य ४३ | क्षेत्रभवानुगामी لان والیبال कुल २८ क्षण २९४ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org.

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