Book Title: Shatkhandagama Pustak 13
Author(s): Bhutbali, Hiralal Jain, Fulchandra Jain Shastri, Balchandra Shastri
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 447
________________ २४२ २३७ २०४ ५ पारिभाषिक शब्द-सूची शब्द पृष्ठ | शब्द पृष्ठ | शब्द पृष्ठ अ | अनन्तानुबन्धी ३६० अपोहा अनवस्थाप्य | अप्रतिपाति २९२, २९५ अक्ष ९, १०, ४१ | अनवस्थित २९२, २९४ अप्रत्याख्यान अक्षपाद २८८ २८ अनाकार उपयोग २०७ अभिमुख अर्थ २०९ अक्षर २४७, २६०, २६२ अनादेयनाम ३६३, ३६६ अयन २९८, ३०० अक्षरगता २२१ अनावृष्टि ३३२, ३३६ अयश:कीतिनाम ३६३, ३६६ अक्षरज्ञान अनि:सृतप्रत्यय अयोगवाह २४७ अक्षरश्रुतज्ञान २६५ २९२, २९४ अरञ्जन २०४ अक्षरसमासश्रुतज्ञान २६५ अनुत्तर २८०, २८३, ३१९ अरति अक्षरसमासावरणीय अक्षरसंयोग २०४ अनुपयुक्त अरहःकर्म २४७, २४८ ३४६, ३५० अक्षरावरणीय अनुपयोग अचि ११५, १४१ २६१ अक्षिप्रप्रत्यय २३७ अनुप्रेक्षणा अचिमालिनी २०३ अक्षेम २३२, २३६, २४१ अनुभाग अर्थ २४६, २४९ अगुरुलघुनाम ३६३, ३६४ अनुयोद्वार २, ३६, २६९ अर्थपद २६६ अग्र्य २८०, २८८ अनुयोगद्वारश्रुतज्ञान २६९ | अर्थसम २०३ अचक्षुदर्शन | अनुयोगद्वारसमास २७० | अर्थावग्रह अचक्षुदर्शनावरणीय | अनुयोगद्वारसमासा- अर्थावग्रहावरणीय २१९,२२० अच्युत वरणीय अर्धनाराचसंहनन ३६९, ३७० अजीव ८,४०, २०० अनुयोगद्वारावरणीय २६१ अर्धमास ३०७ अतिवृष्टि ३३२, ३३६, ३४१ | अनुजुक अलाभ ३३२, ३३४, ३४१ अधमंद्रव्य ४३ | अनेकक्षेत्र २९२, २९५ अल्प ४८ अधर्मास्तिकायानुभाग ३४९ / अनेकसस्थानसस्थित २९६ | अल्पबहुत्व ९१, १७५, ३८४ अधःकर्म ३८, ४६, ४७. अनेषण ५५ अवगाहना ३०१ अधःस्थितिगलन अन्तदीपक ३१९ अवगाहनाविकल्प ३७१, ३७६ अध्यात्मविद्या ३६ अन्तर ३७७, ३८३ अध्रुव २३९ अन्तरानुगम १३२ | अवग्रह २१६, २४२ अनक्षरगता २२१ अन्तराय २६, २०९ ३८९ | अवग्रहावरणीय २१६, २१९ अनध्यात्मविद्या ३६ अन्तरायकर्मप्रकृति २०६ अवदान २४२ अननुगामी २९२, २९४ | अपर्याप्तनाम ३६३, ३६५ | अवधि, २१०, २९० अनन्तर अपायविचय अवधिज्ञाना- २०९, २८९ अनन्तरक्षेत्र ७ अपिण्डप्रकृति ३६६ | वरणीय अनन्तरक्षेत्रस्पर्श ३, ७, १६ | अपूर्वस्पर्धक ८५ | अवधिदर्शन २२० ३५४ ३१८ ७२ ३५५ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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