________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
(२३)
टि. (२) अमली तौर से हम इस शक्ल को इस तरह हल कर सक्त हैं कि परकार से व समोधी रेखा की लम्बाई नापें और फिर अगर परकार की एक शाख की नोक बिंदु अ पर रक्खें तो दूसरी शाख की नोक ऐसे बिंदु पर पड़ेगी तो सीधी रेखा जो विदु अ से उस बिदु तक खींची जाती है बस सीधी रेखा के बराबर होगी मगर रेखागणित में इस तौर पर परकार के इस्तेमाल की इजाजत नहीं दी गयी है परकार का सिर्फ वही इस्तेमाल जायज़ समझा गया है जो अवाध्योपक्रम ३ में बयान हुआ है यानी हम उसके कमी ले से एक वृत्त खींचें जिसकी परिधि एक दिये हुए बिंदु में होकर किसी दूसरे दिये हर विंदु के गिर्द जिसको हम केन्द्र कहते हैं गुज़रे यह ख़याल करना चाहिये कि परकार के पर यानी पााख कागज़ के धरातल पर से हटते ही फौरन अपने ग्राप बन्द होजाते हैं कि किसी दूरी को हम उम के वमीले से एक जगह से दूसरी जगह पर नहीं ले जासक्त परकार के इस खास और महदूद इस्तेमाल पर गौर करने से ताल बइल्म को इस अध्याय की पहली तीन साध्यों की जरूरत मालम होजायगी
अभ्यास (३) अगर दूसरी साध्य में छोटे वृत्त का याम बड़े वृत्त की त्रिज्या हो तो बताओ कि दिया हुआ विंटु गौरवगाये हुए त्रिभुज का शीर्घ कहां होगा
(४) दी हुई परिमित मीधी रेखा पर ऐमा समदिबाहु त्रिभुज बनायो जिसकी प्रत्येक मुज किमी दी हुई दूसरी रेखा के बराबर हो
साध्य ३ वस्तू पपाद्य ला. सत्र दी हुई दो सीधी रेखाओं में से जो बड़ी हो उसमें से छोटो को बराबर हिस्सा काटी वि० सूत्र फ़र्ज़ करो कि अब और स द दो (फ दी हुई सीधी रेखा हैं जिनमें अब बड़ी है
अब में से स द की बराबर एक हिस्सा काटना है अं० अ बिन्दु से स द के बाराबर अय सीधीरखा खोंची सा० २
अ केंद्र से अय दूरी पर य फज वृत्त अब सीधी रेखा की ज बिंदु पर काटता हुआ खौंचो
अबा०३. तो अज बराबर सद के होगी
For Private and Personal Use Only