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(४३)
मैं यह बात जियादा करदें कि अगर एक सीधी रेखा के कोई दो बिंदु दूस
रौ सीधी रेखा के दो बिंदुयों पर पड़े तो पर उन हो बिन्दुओं के अन्दर और बाहर हो जायगे
दोनों सीधी रेखा एक दूसरी पड़ेगी तो सब झगड़े तमाम
टि० (२) ग्यारहवीं साध्य नवीं साध्य की एक खास सूरत है दोनों वाध्यों में अफ़ ऐसी रेखा खींची गयी है ओ व और सत्र के साथ अ बिंदु पर बराबर कोन बनाती है नवीं साध्य में बअ रेखा और म अ रेखा के लिये कोई क़द नहीं है ग्यारहवीं माध्य में यह कद है कि बत्र और सअ रेखा एकही सीध में हों नवीं और ग्यारहवीं साध्यों के दावे एकही दावे में इव तरह बयान होते हैं कि उस बिन्दु से जहां दो दी हुई खीधी रेखा मिलती हैं एक ऐसी सीधी रेखा खींचो जो दी हुई रेखायों के साथ बराबर कोन बनावे
टि० (३) दो बिन्दुयों के दर्मियान की दूरी वह मीधी रेखा है जो उन बिन्दु यों को मिलाती है और एक बिन्दु को एक सीधी रेखा से दूरी ह छोटी से छोटी सीधी रेखा है जो उस बिन्दु से उस रेखा तक खींची जाघ
अभ्यास
(२३) एक ऐसा बिन्दु दर्याकृत करो जो दिये हुए तीन बिन्दुओंों से जो एक ही सीधी रेखा में नहीं हैं बराबर दूरी पर ही
(२४) दी हुई सीधी रेखा में एक ऐसा बिन्दु दर्याफ़ करो कि जिसकी दूरी दो दिये हुए बिन्दु यों से बराबर हो और यह भी बताओ कि किस हालत में ऐसा बिन्दु दर्याफ़ न हो सकेगा
साध्य १२ वस्तूपपाद्य
सा० सत्र दी हुई अपरमित सीधी रेखा पर दिये हुये बिन्दु से जो उस रेखा के बाहर है एक लम्ब डालो
वि० सूत्रफ़र्ज़ करो कि अब दी हुई अपरमित सीधी रेखा है जिसको दोनों तरफ़ चाहें जितना बढ़ा सक्ते हैं और स दिया हुआ बिन्दु उसके बाहर है
सबिन्दु से सीधी रेखा अब पर एक लंब डालना है
अं०- अब की दूसरी तरफ कोई द बिन्दु
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