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( ६ )
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य ज क कोन से
और चूंकि यफज त्रिभुज में य फ ज
कोन दड़ा है
य जफ कोन से और बड़े कौन से सामने की भुज बड़ी होती
है
सा० १८
इसलिये य ज भुज बड़ी है य फ भुज से
लेकिन य ज बराबर व स के साबित हो चुकी है
इसलिये बस बड़ी है य फ से
फल इसलिये अगर एक त्रिभुज की दो भुज दूसरे त्रिभुज की दो अजों के आद्योपान्त यही साबित करना या
टि. १ इस माध्य में उक्त दम ने इस बात को वगैरे साबित किये मान लिया है कि द ह छोटी है द फ से यानी फ बिंदु य ज रेखा के नीचे है इसको हम इस तरह साबित कर सक्ते हैं चूं कि द ह ज कोन त्रिभुज द वह का वहि:कोन है इसलिये द ह ज कोन बड़ा दय ज ग्रन्तःकोन से ( मा० १६ ) और चूंकि द य ज त्रिभुज में द ज बड़ी है द य से बाउस के बराबर है इसलिये द य ज कोन बड़ा है द ज य कोन से या उसके बराबर है (सा० १८, ५) लेकिन यह साबित होचुका है कि द ह ज कोन द य ज कोन से बड़ा है इसलिये द ह ज कोन द ज ह कोन से बड़ा है इस वास्ते द ज बड़ी है द ह से ( मा० १६ ) लेकिन द ज बराबर है द फ के इसलिये दफ बड़ी है द ह से यानी फ बिंदु य ज रेखा के नीचे है
टि. ० २ इस माध्य में यह शर्त कि द य भुज द फ भुल से बड़ी नहीं है सिमसन साहब ने ज़ियादा की है अगर यह पूर्व नहो तो साध्य की तीन मूरतें होती हैं यानी फ बिंदु थ ज रेखा में हो या उससे ऊपर या नीचे हो अगर फ बिंदु य ज रेखा में हो तो उस सूरत में साफ जाहिर है कि यफ छोटी होगी य ज से और अगर फ बिंदु य ज रेखा के ऊपर है तो द फ और य फ मिलकर द ज और य ज से छोटी होंगी (सा० २१ ) और चूंकि द फ और द ज व्यापस में बराबर हैं इसलिये य फछोटी होगी य ज से
टि० ३ यह साध्य इस तरह भी सावित होसक्ती है
दय फ त्रिभुज को अ ब स त्रिभुज पर इस तरह रक्खा कि द य
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