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( २१६
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नम्बर साध्य कल्पित अर्थ
अगर एक त्रिभुज की दो त्रिभुजों के ग्राधार आपस में भुज दूसरे त्रिभुज की दो बराबर होंगे और आधारों परके भुजों के अलग २ बराबर कोन जिनके मामने के भज बराबर हों और उन भुजोंसे बा| ई आपस में बराबर होंगे और त्रि. ने हर कोनभी अापसमें भज बरावर होंगे बराबर हों
अगर एक त्रिभुज की बड़े कोन के सामने का आधार दो भुज दूसरे त्रिभुज की छोटे कोन के मामने के आधार से दो भजों के अलग २ वरा-बड़ा होगा बर हों लेकिन एक त्रिभुज के उन भुजों से बना हुया कोन कैमरे की उन भुजों से बने हए कोन से बड़ा हो
अगर त्रिभुज एक ग्रा- उन त्रिभुजों के रकबे बराबर होंगे धार पर एकही समानान्तर रेखाओं के दर्मियान हो अगर त्रिभुज बराबर उन त्रिभुजों के रक़वे बराबर होंगे आधारों पर एकही समानान्तर रेखायों के । दभियान हों
अगर बरावर त्रिभुज । वह त्रिभुज रकही समानान्तर एकही ग्राधार पर और रेखायों के दभियान होंगे उस के एकही तरफ़ में
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हों
अगर वरावर त्रिभुज वह त्रिभुज एकहीसमानान्तर रेएकही मीधी रेखा के
खानों के दर्मियान होंगे बराबर अाधारों पर और उस की एकही तर फहों
अगर बराबर त्रिभुज वह त्रिभुज या तो एकही आधार एक ही समानान्तर पर या वरावर ग्राधारों पर होंगे रेखाओं के दर्मियान है
३७ व ३८ प्रतिलोम
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