Book Title: Rekhaganit
Author(s): Atmaram Babu
Publisher: Atmaram Babu

View full book text
Previous | Next

Page 209
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( २१५ ) S - नम्बर साध्य कल्पित अर्थ फल । अगर दो सीधी रेखा | वह दोनों सीधी रेखा भी प्रापस किमी दो बराबर और में बरावर और समानान्तर होंगी समानान्तर मौधी रेखात्रों के एक २ तरफ के सिर को मिला। विमजा की बराबरी के लिये मुकाबिला करना अगर दो त्रिभुज एकही सुमकिन नहीं कि उनकी वह व्याधार पर और उसकी भुज जिनके सिरे अाधार के एक एकहो तरफ में हों सिरे परहों आपस में बराबर हों और वह भुज जिन के मिरेयाधार के दूसरे सिरेपरहोंडापस में बरा बर हों ३२ अनुमान अगर एक त्रिभुजके दो उस त्रिभुज का तीसरा कोन कोन दूसरे त्रिभुज के भी दूसरे त्रिभुन के तीसरे कोन दो कोनों के बराबर हों के बराबर होगा व्यगर एक त्रिभुज के दो बाकी कोन और मन भी उन कोन दूसरे त्रिभुज के दो त्रिभजों की अलग २ बराबर होंगी कोनों के अलग २ वरावर और त्रिभज भी प्रापस में बराबर हों और एक २ भुज भी होंगे उन त्रिभुजों की बराबर हो खाह यह भुज बराबर कोनों के दभियानको हों या उनके सामने की कागर एक त्रिभुजकी दो ग्राधारों के मामने के कोन आपस भज दूसरे त्रिभुज की दो में बराबर होंगे और बराबर भजों भुजोंके अलग २ बरावर के सामने के कोन भी प्रापस में हों और उनके व्याधार बराबर होंगे और दोनों त्रिभुज भी आपस में बराबरहों भी आपस में बराबर होंगे अगर एक त्रिभुजकी दो बड़े आधार के सामने का कोन भज दूसरे विभाजकी छोटे अाधार के सामने के कोन से भुजों के अलग २ बराबर बड़ा होगा हों लेकिन एक त्रिभुजका माधार दूसरे त्रिभुज के माधारसे बड़ा हो For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220