Book Title: Rekhaganit
Author(s): Atmaram Babu
Publisher: Atmaram Babu

View full book text
Previous | Next

Page 207
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra ( २१३ ) मज़मून के मुताबिक रेखागणित के पहले और दूसरे अध्याय की साध्यों की फहरिस्त १३ नम्बर साध्य कल्पित व्यर्थ ११ अनुमान | अगर दो रेखा ऐसी हैं कि वह सीधी हैं १४ १३ ग्रनुमान १५ साध्य प्रमेयोपपाद्य कोंन जो सोधी रेखाओं के आपस में करने से बनते हैं। www.kobatirth.org १५ प्रतिलोम १३ अनुमान १३ ग्रनुमान ग्रेगर एक सीधी रेखा दूसरी सीधी रेखा पर खड़ी होकर दो कोन बनाये ग्रगर दो मीधी रेखा fhat तीसरी सीधी रेखाकी ग्रामने सामने की तर्फे से व्ग्राकर एक ही बिन्दु पर मिलें और ग्रामन्न कोन बराबर दो समकोन के बनावें ग्रगर दो सीधी रेखा ग्राम में किसी बिन्दु प Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir रक यगर दो सीधी रेखा आपस में किसी बिंदु प र कटें cure चार सीधी रेखा! व्यापस में किसी बिंदु पर मिलकर मन्मख कोन बराबर बनावें J arre कोई सीधी रेखा किसी सीधी रेखा के एक तरल से ग्राकर उम के । किसी बिन्दु पर जो उस के सिरे का नहीं है भिलें और कोने बनावें अगर एक बिंदु से कई मीधी रेखा निकले फल उनका कोई हिस्सा उभयनिष्टनहीं होता यह कोन या तो दोनों समकोन होंगे या मिलकर बराबर दो सम कोन के होंगे यह दोनों सीधी रेखा एकही सीधी रेखा यानी एकही सीध में होंगी चार कोन जो उस बिन्दु पर बनेंगे मिलकर बराबर चार समकोन के होंगे मन्मुख के कोन व्यापस में बराबर होंगे पहली सीधी रेखा तीसरी सीधी रेखा की सीध में होगी बौर दूसरो चौथी की उस बिंदु पर के सब कोन मिलकर दो समकोन के बराबर होंगे कोन जो उन रेखाओं से उस बिंदु पर बनेंगे मिलकर बराबर चार म मकोन के होंगे For Private and Personal Use Only

Loading...

Page Navigation
1 ... 205 206 207 208 209 210 211 212 213 214 215 216 217 218 219 220