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एकांतर कोन एक दूसरे के बराबर बनाती है ।
इसलिये यफ समानांतर होगी बस की . सा. २६ फल इसलिये दिये हुए प्रबिन्दु से अफ सीधी रेखा दी हुई बस सीधी रेखा की समानांतर खिंच गयी ___ और इसी रेखा के खौंचने की ज़रूरत थी।
टि. १ इस साध्य के ग्रंकन में यह इबारत "अद के नामने की तरफ में होनी जरूर है क्योंकि अगर य अद कोन अद रेखा की उसी तरफ में बनाया जाय जिधर अदस कोन है तो साध्य का हल होना नामुमकिन होगा टि. २ इस साध्य के बनाने में तेईसवीं साध्य की कुछ ज़रूरत न पड़ेगी अगर ग्यारहवीं और बारहवीं माथ्यों की मदद ली जाय
अभ्यास (७७) किसी त्रिभुज के अाधार पर के कोने और उस लम्ब की लम्बाई जो अाधार पर उसके सामने के कोने से डाला जाता है मालम है उस कि भुज को बनायो (७८) दी हुई स द रेखा में एक ऐसा बिन्दु ब र्याफत करो कि अगर उस बिन्दु से एक दिये हुए बिन्दु अतक सीधी रेखा खींची जाय तो कोन अब स एक दिये हुए कोन के बराबर हो (GE) अ बस समकोन त्रिभुज के अब कर्ण में द बिन्टु ऐसा दर्या फ़त करो कि ब द बराबर हो उस लम्ब के जो द से अस पर गिराया जावे (८०) अब स एक ममदिवाहु त्रिभुज है उसकी अब और अस वरा वर भजों में द और य ऐसे विंदु दाफत करो कि ब द, द य और यस यापम में बराबर हों (८१) ममदिबाहु त्रिभुज के बस अाधार के साथ समकोन बनाने वाली रेखा अब भुज को द विंदु पर और स अ के बाद हुए हिस्से को य बिंदु पर काटतो है तो सावित करो कि अ य द ममदिवाहु त्रिभुज है (८२) उन त्रिभुजों में जिनका एकही शीर्घ कोन है और जिनके ग्राधार एकही विंदु में होकर गुजरते हैं वह त्रिभुज मबसे छोटा होगा जिसके आधार के उस बिंदु पर दो बरावर हिस्से होते हैं (८३) अबस एक त्रिभुज है उसके ब स अाधार के समानान्तर एक दय रेखा ऐसी खींचो कि इसके द और य सिरे त्रिभुज के अब और अस भुजों पर हों और वह बराबर हो (१) ब द या स य के (२) वह और स य के योग के (३) व द और स य के अन्तर के
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