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( ८३ )
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चंकि त्रिभुज के तीनों कोन मिलकर दोसमकोन के बराबर हैं और द यहां इतने त्रिभज हैं कि उनकी तादाद उम क्षेत्र कीभजों की तादाद
य स से दो कम है इसलिये त्रिभुजों के सव कोन मिलकर वरावर हैं उतने । समकोन के जो गिनती में क्षेत्र की भुजों की तादाद के दूने से अ ब चार कम हैं लेकिन इन त्रिभुजों के सब कोन मिलकर बराबर है ऋजुभुज क्षेत्र के मब अन्त:कोनों के इसलिये ऋजमज क्षेत्र के सब ग्रन्त:कोन मिल कर बराबर हैं उतने समकोन के जो गिनती में उस क्षेत्र को भजों को तादाद के दूने से चार कम हैं इसलिये ऋजुभुज क्षेत्र के सब छान्त:कोन
और चार ममकोन मिलकर बराबर हैं उतने समकोनों के जो गिनती में उस क्षेत्र की भुजों की तादाद से दूने हैं
टि २ इस अनुमान की मदद से हर सम बहुभुज समान कोन क्षेत्र ( जिसकी सब भुज और सब कोन आपस में समान हों ) के कोन की कीमत दाफत होसक्ती है अगर उसकी भुजों की तादाद मालूम हो । अनु० २ हर ऋजुभज क्षेत्र के सब बहिःकोन जो उसकी भुजों को एक दूसरो के बाद एकहो तरफ में बढ़ाने से पैदा होते हैं मिलकर चार समकोन के बराबर होते हैं
चूंकि हर अन्तःकोन मसलन् अव स मय अ- / पने पास के प्रबद बहिःकोन के दो समकोन के बराबर है
इसलिये सब अंतःकोन मय अपने पास के बहिःकोनों के बराबर हैं उतने समकोनों के जो गिनती में ऋजुभुज क्षेत्र की भुजों की तादाद से दूने है लेकिन यह ऊपर के अनुमान से साबित है कि ऋजुभज क्षेत्र के सब अंतःकोन और चार समकोन मिलकर बराबर हैं उतने समकोन के जो गिनती में उस क्षेत्र की भजों की तादाद से दूने हैं
इसलिये सब अंत:कोन और सब बहिःकोन मिलकर बराबर हैं सब अंतःकोनों और चार समकोन के
ख. १ दून बराबरों में से अंतःकोनों को निकाल डाला इसलिये सब बहिःकोन चार समकोन के बराबर हैं स्व. ३ टि. १ इम अनुमान की मदद से हर समबहुभुज समानकोन क्षेत्र की भुजों की तादाद मालूम होसक्ती है अगर उसके एक कोन की कीमत मालम हो
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